तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार किसी राजनीतिक बयान या मंचीय भाषण को लेकर नहीं, बल्कि अपनी सादगी और खेतों से जुड़ाव को लेकर। इस बार वे तपकरा गांव के अपने खेतों में धान की रोपाई करते नजर आए। साधारण टी-शर्ट और निक्कर पहने, हाथ में टोकरी लिए, पानी से भरे खेत में काम करते हुए उन्हें देखकर शायद ही कोई कह सके कि यह किसी विधानसभा क्षेत्र का विधायक है।
यह पहली बार नहीं है जब सुदीप गुड़िया खेतों में दिखाई दिए हों। ग्रामीणों के अनुसार, विधायक बनने से पहले भी वे खेती करते थे और अब भी जब समय मिलता है, तो खेती-बारी का काम खुद करते हैं। बिचड़े लगाना, निंदाई-गुड़ाई, सिंचाई से लेकर हर उस काम में हाथ बंटाते हैं, जो आम किसान करता है। सुदीप गुड़िया का कहना है, “खेती-किसानी मेरे जीवन की जड़ है। मैं इसे सिर्फ काम नहीं, बल्कि अपना कर्तव्य और गर्व समझता हूं। जब तक खेत हरे रहेंगे, तब तक समाज भी हरा-भरा रहेगा।”
गांव के लोग बताते हैं कि हर साल धान की रोपाई के समय वे गांव जरूर आते हैं और बाकी किसानों की तरह ही खेत में उतरकर पूरा दिन काम करते हैं। उनके इस व्यवहार ने उन्हें गांव के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के बीच एक अलग ही जगह दी है।
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