मो॰ इब्राहिम

जिला नोडल पदाधिकारी एनसीडी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के साथ संयुक्त रूप में एसटीएस,एसटीएलएस, एसडीपीएस, डीपीपीएमसी, डीपीसी एवं डीआरटीबी स्वास्थ्य कर्मियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन सदर अस्पताल परिसर के एसटीसी सभागार में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य तम्बाकू आज समाज में एक बड़ी चुनौती एवं तम्बाकू के सेवन से कैंसर ही नहीं, टीबी बीमारी का भी खतरा है पर चर्चा किया गया। प्रशिक्षण में डॉ भारती मिंज, जिला नोडल पदाधिकारी एनसीडी ने जानकारी दी कि तम्बाकू सेवन करने वाले तथा धुम्रपान करने वाले लोगों में टीबी संक्रमण की सम्भावना अधिक होती है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों में टीबी होने का खतरा तीन गुना ज्यादा होता है एवं टीबी से होने वाली मृत्यु भी तीन से चार गुना अधिक होती है। जिला तम्बाकू नियंत्रण सेल के श्री अनूप ने बताया कि तम्बाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है इसे हमें छोड़ना एवं इस पर प्रतिबन्ध लगाना बहुत ही आवश्यक है। ताकि जनमानस में इसका उपयोग कम से कम हो सके। उन्होंने तम्बाकू पर नियंत्रण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और बताया कि हर साल देश में लगभग 13लाख लोग तम्बाकू की चपेट में आकर अपनी जान गवां देते हैं एवं 50प्रतिशत लोग अलग-अलग प्रकार के कैंसरों के कारण मौत के शिकार हो रहे हैं जिसका मुख्य कारण तम्बाकू का सेवन है । उन्होंने झारखंड में तम्बाकू उपभोक्ताओं पर भी चर्चा की जिसमें उन्होंने बताया कि राज्य में तम्बाकू उपभोक्ताओं की संख्या देश के राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है।उन्होंने कोटपा अधिनियम 2003 के बारे भी विस्तार से जानकारी दी जिसमें उन्होंने कोटपा के अलग अलग धाराओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी एवं जिला के सदर अस्पताल में मौजूद तम्बाकू निवारण केंद्र के बारे में जानकारी दी एवं मौजूदा सर्विसेज के बारे में प्रशिक्षण में आये लोगों को जानकारी दी। अगर कोई व्यक्ति तम्बाकू की लत को छोड़ना चाहता है, तो वे दिए गए टोल फ्री नंबर 1800-11-2356 से सम्पर्क कर सकते है। प्रशिक्षण में जिला एवं प्रखंड स्तर से अधिकारी एवं स्वास्थकर्मी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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