रामगढ़ जिले के भुरकुंडा हॉस्पिटल कॉलोनी स्थित कोयला ट्रांसपोर्टिंग वाहन से हो रहे प्रदुषण को लेकर ग्रामीणों ने घंटों बीच सड़क पर कोयला ट्रांसपोर्टिंग वाहन को रोका,
सूचना पर पहुंचे सीसीएल के अधिकारी और विरोध कर रहे ग्रामीणों के बीच वार्ता हुई तब जाकर वाहनों को छोड़ा गया। ग्रामीणों का कहना हाइवा में ओवरलोड कोयला होने से बीच रोड पर कोयला गिरते रहती है और भारी मात्रा में वाहन चलने से कोयला डस्ट बनकर उड़ रही है, जिससे भुरकुंडा हांथी दाड़ी माइंस से भुरकुंडा हॉस्पिटल कॉलोनी छठ मंदिर तक भारी मात्रा प्रदुषण उड़ रही है,
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि आये दिन इस सड़क से गुजर रहे ओवर लोड वाहनों से प्रदुषण और दुघर्टना का खतरा बना रहता है,वायु प्रदूषण से लोग कई तरह की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं, कोयले के कण से आसपास के पौधे बंजर होते जा रहे हैं. स्थानीय प्रशासन और वनविभाग को भी इस ओर ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता है।
मुखिया अजय पासवान ने कहा इसी ट्रांसपोर्टिंग सड़क पर भुरकुंडा पंचायत सचिवालय और सीसीएल अस्पताल प्रदुषण का दंश झेल रहे हैं,और अभी गर्मी का शुरूआत भी नहीं हुई ऐसे में इतना प्रदुषण उड़ना स्वच्छता को प्रभावित कर सकती है,कहा कंपनी द्वारा पानी छिड़काव के बाद भी सड़क पर प्रदुषण नियंत्रित नहीं हो रही इसके लिए प्रबंधक को सड़क पर जमें हुए डस्ट को मजदूर अन्यथा रोड क्लिनर मशीन से साफ कर तीन टाईम पानी भारी मात्रा में पानी पटाने की आवश्यकता है। तब जाकर इलाका प्रदुषण मुक्त होगा इसके लिए मैंने भुरकुंडा पीओ से बात किया है जिसके द्वारा सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया गया है।
पूरे मामले पर मीडिया द्वारा पूछे जाने पर भुरकुंडा सीसीएल परियोजना पदाधिकारी राकेश सत्यार्थी ने संज्ञान ली और कहा जल्द इस समस्या का निदान किया जाएगा इसके लिए मैंने चार मजदूर को डस्ट उठाने के लिए आदेश जारी किया है। और ट्रांसपोर्टिंग कंपनी को तीन टाईम सही पूर्वक पानी पटाने का निर्देश दिया है ।
फिलहाल बरकासयाल में रोड क्लिनर वाहन की व्यवस्था नहीं है इसके लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराने का काम करूंगा।
आपको बता दें कि सीसीएल प्रबंधन और विभिन्न ट्रेड यूनियन के बीच हुई पीट मीटिंग में इस सड़क पर प्रदुषण मुक्त करने को लेकर आवाज उठाई जाती है लेकिन यह आवाज मीटिंग समाप्ति के साथ गुमनाम हो जाती है। ऐसे में आम जनता मजदूर अब खुद अपनी समस्या दूर करने को लेकर सड़क पर उतर आए हैं और प्रदुषण से निजात पाने कि मांग कर रहे हैं।
इस रोड पर बलकूदरा ट्रांसपोर्टिंग, गिद्दी, रैलीगढ़ा और पतरातु रेलवे साइडिंग के ट्रांसपोर्टिंग वाहनों का आदान-प्रदान होता है, जिसमें ज्यादातर संख्या में बलकूदरा ट्रांसपोर्टिंग के वाहनों का आदान-प्रदान है।
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