हजारीबाग। हजारीबाग में रहकर प्रशासनिक सेवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 वर्षीय छात्र अजय महतो (पिता नुनुचंद महतो) पिछले कुछ दिनों से दांत दर्द से पीड़ित थे। चिकित्सक से इलाज भी करवा रहे थे।
इसी बीच 14 जुलाई को अपने घर नवाडीह बोकारो में यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो देखने के बाद छात्र ने दांत दर्द में कनेर बीज (ओलिएंडर बीज) का सेवन कर लिया। इसके बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई और वह बेहोश हो गया।
छात्र के पिता तत्काल ही उसे विष्णुगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस बारे में सिविल सर्जन डा. एसपी सिंह का कहना है कि कनेर बीज शरीर के लिए अत्यधिक खतरनाक होता है और इसका सेवन कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो जाता है।
नावाडीह बोकारो में हुए घटनाक्रम के बारे में मृत छात्र अजय महतो के पिता नुनुचंद महतो ने बताया कि अजय काफी प्रतिभाशाली छात्र था। उसने सीबीएसई बोर्ड से 10वीं और 12वीं की परीक्षा में उत्कृष्ट परिणाम हासिल किया था। अंग्रेजी साहित्य से स्नातक था। वह यूपीएसससी की तैयारी हजारीबाग के नूतन नगर स्थित एक लाॅज में रहकर कर रहा था।
प्रतियोगी परीक्षा को लेकर उसे दिल्ली भेजने की तैयारी चल रही थी। इसी बीच बडे़ भाई और इकलौती बहन की शादी को लेकर अजय नावाडीह आया हुआ था। एक हफ्ते पहले उसे दांत दर्द की शिकायत हुई। उसका इलाज 12 जुलाई को हजारीबाग के डेमोटांड स्थित डेंटल कालेज में कराया गया।
उसे बेहतर इलाज के लिए रांची ले जाने की भी योजना थी। इसी बीच शुक्रवार को अचानक वह घर पर ही बेहोश हो गया। हमलोग तत्काल उसे विष्णुगढ़ अस्पताल लाए, जहां प्रभारी पदाधिकारी डा. अरुण कुमार ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
मृत छात्र के पिता ने बताया कि घर में जांच करने पर अजय के बैग से कनेर का बीज बरामद हुआ। साथ ही मोबाइल जांच करने पर यूट्यूब पर दांत दर्द में कनेर बीज सेवन करने संबंधी साइट सर्च करने का पता चला। इसी से हम लोगों ने अंदाजा लगाया कि उसने दांत दर्द से निजात पाने के लिए कनेर बीज का सेवन कर लिया होगा।
यूट्यूब चैनल और दूसरे इंटरनेट चैनल पर उपलब्ध वीडियो साइट के बारे में मृत छात्र के पिता नुनुचंद महतो जो खेती किसानी का कार्य करते हैं और सामाजिक सेवा भी जुडे़ हैं, का कहना है कि लोगों को विशेषकर युवाओं को ऐसे चैनल और साइट पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि इससे दूर रहना चाहिए। उन्हें इस बात का भी अफसोस है कि उनका प्रतिभाशाली पुत्र समाज और देश के कुछ काम नहीं आ सका, जिसकी उन्हें पूरी उम्मीद थी।
आम तौर पर पूजा आदि के लिए उपयोग किए जाने वाले कनेर के फूल का उपयोग करते हैं, लेकिन इस कनेर का बीज काफी जहरीला होता है। यह बातें शेख भिखारी मेडिकल कालेज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा हिमांशु भैया ने कही। उन्होंने बताया कि कनेर के फल में बीजीटैलिस नाम का जहर होता है।
फल का सेवन करने पर यह जहर लोगों के दिल की धड़कन को प्रभावित करता है। वहीं बताया कि अधिक मात्रा में इसके सेवन से लोगों की धड़कन तक बंद हो जाती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने बच्चों को कनेर के फल का सेवन करने से सावधान करें, नहीं तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
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