
शिक्षा विभाग का भारी लापरवाही आया सामने।
सद्दाम खान लोहारदा ब्यूरो
लोहरदगा। झारखंड के लोहरदगा जिला में एक ऐसा भी स्कूल संचालित हो रहा है जो विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से स्कूल में पढ़ने वाले नौनिहालों और शिक्षकों की जान का दुश्मन बन गया है। यहां पर पढ़ने वाले बच्चों को खुले आसमान में भविष्य संवारना मजबूरी बन गया है। मालूम हो कि स्कूल में पदस्थापित महिला शिक्षिका सुजाता खलखो विगत दिनों क्लासरूम में बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही थी इसी दौरान बिल्डिंग का प्लास्टर टूटकर गिर जाने से घायल हो चुकी थी। जिससे उनके सिर और हाथ पर गहरी चोट आई थी। बावजूद स्कूली शिक्षा विभाग इसपर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर दिखा रही हैं, इससे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षकों को हर दम मौत से मुलाकात होने की चिंता सताते रहती है। सबसे बड़ी विडंबना है कि स्कूल में नामांकित नौनिहाल विगत दो महीने से खुले आसमान में इस बरसात के मौसम में अपनी तकदीर संवारने में लगे हुए हैं और शिक्षा विभाग के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध रखी है। यहां की शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थियों और शिक्षकों की जान का दुश्मन बन गया है। इस पूरे मामले को लेकर शुभम संदेश की टीम शनिवार को मध्य विद्यालय जुरिया का पड़ताल करने का प्रयास किया और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षकों से मिलकर उनका पीड़ा जानने की कोशिश की तो बच्चे डरे सहमें अंदाज में बताया कि मजबूरी है कि खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करते हैं। बच्चों ने बताया कि स्कूल का क्लासरूम का छत टूट गया है जिससे हमारे समक्ष जान-माल का खतरा मंडराता रहता है इसलिए स्कूल के बाहर प्रांगण में अपना भविष्य संवारने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक-शिक्षिकाओं का कहना है कि स्कूल के स्थिति वस्तु से विभाग को बार-बार अवगत कराया गया है फिर भी स्कूल की स्थिति जस का तस स्थिति में खड़ा है। हद की बात तो यह है कि बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के दौरान महिला शिक्षिका सुजाता खलखो के उपर विद्यालय का छत टूटकर गिर गया था जिससे वह घायल हो गई थी लेकिन इतना सबकुछ होने के बाद भी शिक्षा विभाग की आंखों से काली पट्टी हट नहीं रहा है। इससे यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग मध्य विद्यालय जुरिया में अध्यनरत नौनिहालों और शिक्षकों के जिंदगी के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ करने में तुली हुई हैं।
यहां स्मार्ट क्लास भी है, पर हो रहा बेकार साबित।
लोहरदगा जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर पर संचालित राजकीय कृत मध्य विद्यालय जुरिया में स्मार्ट क्लास की भी व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है। लेकिन स्कूल भवन की जर्जरावस्था स्थिति को देखते हुए नौनिहालों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां पर बच्चे स्मार्ट क्लास का लाभ लेने से वंचित रह जा रहे हैं।
लाल फीता का बैरिकेटिंग खतरे की घंटी।
मध्य विद्यालय जुरिया में प्रवेश करने पर विद्यालय के क्लासरूम में बच्चों को जाने से पहले एक लाल रंग का फीता से पूरे क्लासरूम को बैरिकेटिंग किया गया है जो खतरे की घंटी है। उक्त फीता से पार कर क्लासरूम में प्रवेश करने पर कभी भी नौनिहालों को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है, इसलिए बच्चों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल प्रबंधन की ओर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत लाल फीता से पूरे क्लासरूम को बैरिकेटिंग कर दिया गया है, जिससे बच्चों को कोई क्षति न हो सके।
बारिश होने पर स्कूल समयावधि में ही बच्चों को दे दी जाती है छुट्टी।
मध्य विद्यालय जुरिया के क्लासरूम जर्जर रहने के कारण विगत दो महीने से बच्चे खुले आसमान में पढ़ाई-लिखाई करने को विवश हैं, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षकों का कहना है कि बरसात का महीना है, जब भी बारिश शुरू होती है तो विद्यालय संचालन अवधि पर ही मजबूरन बच्चों को छुट्टी देना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि मध्य विद्यालय जुरिया में 342 बच्चे नामांकित हैं, शनिवार को 243 नौनिहाल उपस्थित थे।
अभिभावकों में शिक्षा विभाग की उदासीन रवैया को लेकर आक्रोश।
सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय जुरिया में वैसे परिवार के नौनिहाल पढ़ने-लिखने जाते हैं जो आर्थिक रूप से मजबूर हो, या फिर मजदूरी कर अपना और अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने की चाहत रखते हैं, लेकिन स्कूल की बद्तर स्थिति ने इन्हें चिंतित कर दिया है। अब तो बच्चों के अभिभावक भी शिक्षा विभाग की उदासीन रवैया को लेकर आक्रोशित होने लगे हैं। इनका कहना है कि हमलोग गरीब असहाय आर्थिक रूप से मजबूर लोग हैं, मजबूरन अपने जिगर के टुकड़ों को मध्य विद्यालय जुरिया में पढ़ाई-लिखाई कराते हैं, हमारे पास इतनी पैसा नहीं है कि हमलोग बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को शिक्षा दिला सकें। इन मजबूर अभिभावकों का कहना है कि अब तो सिर से पानी उपर चढ़ गया है यदि जल्द हमारे बच्चों की बेहतरी हेतु कोई ठोस पहल नहीं किया जाता है तो बाध्य होकर स्कूल में ताला लगा दिया जाएगा कम-से-कम इससे हमारे बच्चों की जान-माल को नुकसान होने से बचाया तो जा सकता है।
जिला शिक्षा अधीक्षक नीलम आईलीन टोप्पो ने ये कहा।
शुभम संदेश की टीम राजकीय कृत मध्य विद्यालय जुरिया के मामले को लेकर लोहरदगा जिला शिक्षा अधीक्षक नीलम आईलीन टोप्पो से जब बात की तो उन्होंने कहा कि विद्यालय की स्थिति वस्तु से अवगत हैं, वैकल्पिक व्यवस्था के तहत फिलहाल पास में स्थित पंचायत भवन में विद्यालय संचालित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल का जमीन बहुत कम है और उतनी जमीन पर विद्यालय भवन बना हुआ है, इसलिए नये बिल्डिंग का निर्माण कार्य कराए जाने में परेशानी हो रही है।
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