झारखंड : झारखंड के 26,001 प्रशिक्षित सहायक आचार्यों की नियुक्ति से संबंधित प्रतियोगिता परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अहम सुनवाई की। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि यदि 14 अगस्त 2025 तक सभी विषयों और श्रेणियों का परिणाम जारी नहीं होता है, तो 18 अगस्त को राज्य के मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव, अवर सचिव और JSSC सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि उस दिन इन अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थी परिमल कुमार द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण एवं अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पक्ष रखा और बताया कि कोर्ट के पूर्व के आदेशों का पालन JSSC द्वारा नहीं किया गया है।
वकीलों ने बताया कि अभी तक केवल 1,661 अभ्यर्थियों का परिणाम गणित और विज्ञान विषयों के लिए जारी किया गया है। हैरानी की बात यह है कि इसमें भी कई ऐसे अभ्यर्थियों का परिणाम नहीं जारी किया गया है, जो परीक्षा में सफल रहे और दस्तावेज सत्यापन (DV) की प्रक्रिया भी पूरी कर चुके हैं। जबकि कुल 5,008 रिक्त पदों में से अधिकांश अब भी खाली हैं। सुनवाई के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त चेतावनी देते हुए निर्धारित समयसीमा के भीतर परिणाम जारी करने का निर्देश दिया।
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