हजारीबाग : हजारीबाग कोर्ट परिसर में मंगलवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें पोक्सो और मोटर व्हीकल एक्ट से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर पुलिस पदाधिकारियों को न्यायिक दृष्टिकोण से जानकारी दी गई। कार्यशाला का उद्देश्य अनुसंधान प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाना और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाना था।
कोर्ट परिसर में आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन हजारीबाग के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि न्याय तभी प्रभावी होगा जब अनुसंधान सशक्त हो, और इसमें पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका सबसे अहम होती है।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार ने कहा कि..”एफआईआर से लेकर कोर्ट तक की प्रक्रिया में पुलिस की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है। सही अनुसंधान ही पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा तय करता है। इस कार्यशाला में सभी संबंधित पक्षों की भूमिका को स्पष्ट किया गया है।”
कार्यशाला में जिले भर के पुलिस पदाधिकारी, अधिवक्ता, चिकित्सक और अभियोजन पक्ष के सदस्य शामिल हुए। जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार भी मौजूद रहे। कार्यशाला के दौरान बताया गया कि पोक्सो एक्ट के मामलों में अनुसंधान के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, मेडिकल रिपोर्ट, पीड़िता का बयान, और कोर्ट में प्रस्तुत साक्ष्य की प्रक्रिया कैसे होनी चाहिए।
Leave a comment