सावन का पवित्र महीना चल रहा है, जहां श्रद्धालु भोलेनाथ को बेलपत्र अर्पित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ तस्कर इसी धार्मिक आस्था को मुनाफे का ज़रिया बना रहे हैं। लेकिन इस बार वन विभाग की सतर्कता ने बेलपत्र तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
हजारीबाग के चौपारण में गौतम बुद्धा वन्यप्राणी आश्रयणी क्षेत्र से बेलपत्र लादकर बंगाल ले जाई जा रही सिमरन नामक एक प्राइवेट बस (WB 57 E 4224) को वन विभाग की टीम ने धर दबोचा। बस में भारी मात्रा में ताजा तोड़ा गया बेलपत्र मिला, जिसे सावन में बंगाल के मंदिरों और बाज़ारों में महंगे दाम पर बेचा जाना था।
आपको बताते चलें कि कोलकाता के बस स्टैंड के समीप बाबूघाट फूल-माला का बड़ा मंडी है, जहां इसकी बड़ी कारोबार है। इस कार्रवाई के पीछे गुप्त सूचना थी, जिस पर वनरक्षी कुलदीप कुमार और उनकी टीम ने रात में ही थाना चौपारण के पास नाका बंदी कर बस को रोक लिया। मौके पर बेलपत्र तस्करों और बस कर्मियों ने वन विभाग की टीम से झड़प भी की, जिससे कुछ दैनिक कर्मी घायल हो गए।
सूत्रों के मुताबिक 30,000 रुपए रिश्वत लेने की बात सामने आई है, जिससे इस तस्करी को अनदेखा किया जाए। लेकिन फिर भी गाड़ी पकड़ी गई, और अब पूरे विभाग की साख दांव पर है। स्थानीय लोगों की मानें तो पिछले 4-5 सालों से बेलपत्र की अवैध तुड़ाई का खेल चल रहा है, और अब जाकर विभाग ने सख्ती दिखाई है।
Leave a comment