खरसांवा से झामुमो विधायक दशरथ गगराई को लेकर निर्वाचन आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं। भूतपूर्व सैनिक लालजी राम तियु द्वारा की गयी शिकायत पर राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रवि कुमार ने सरायकेला-खरसांवा के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त को पत्र लिख दशरथ गगराई के बारे में की गयी शिकायत के बाद शिकायतकर्ता से शपथ पत्र लेते हुए जांच कराने का आदेश दिया है। दिलचस्प रूप से शिकायतकर्ता ने 18 सितंबर को शपथ पत्र के माध्यम से दशरथ गगराई के बारे में की गयी शिकायत को व्यक्तिगत ज्ञान, अभिलेख और दस्तावेजों के आधार सही बता कर जांच की प्रक्रिया को विधिवत बल दे दिया है।
भूतपूर्व सैनिक लालजी राम तियु ने 28 जुलाई 2025 को सरायकेला खरसांवा के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को एक शिकायत की है। उसमें उन्होंने खरसांवा से विधायक दशरथ गगराई पर विधानसभा चुनाव के समय दिए शपथ पत्र को गलत बताया है। लालजी तियु के अनुसार दशरथ गगराई चार भाई हैं। सबसे बड़े भाई का नाम रामकृष्ण गगराई है। दूसरे का दशरथ गगराई, तीसरे का विजय गगराई और चौथे का मनोज गगराई। लालजी राम तियु के अनुसार 1992 में रामकृष्णा गगराई को सीआरपीएफ में सिपाही (बल संख्या-931140355) नियुक्त किया गया। उसी दौरान उन पर तत्कालीन कमानडेंट के घर चोरी करने का आरोप लगा। बाद में जब उस यूनिट के कमांडेंट का स्थानांतरण हो गया तो रामकृष्ण गगराई को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिाय गया। उस समय रामकृष्ण गगराई ने इस्तीफा नहीं देकर अपने छोटे भाई दशरथ गगराई को अपनी जगह ज्वाइन करा दिया। इस तरह सीआरपीएफ के डीआईजी कार्यालय में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत व्यक्ति दशरथ गगराई है और खरसांवा से चुनाव जीतनेवाला व्यक्ति रामकृष्ण गगराई है। इस तरह चुनाव जीतनेवाले (दशरथ गगराई) का सभी शैक्षणिक व अन्य प्रमाण पत्र फर्जी है। यह रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट के तहत दशरथ गगराई के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। द फॉलोअप के साथ बातचीत में लालजी राम तियु ने यह भी बताया कि रामकृष्ण गगराई से दशरथ गगराई लगभग सात साल छोटे हैं। इसलिए जांच होने पर स्पष्ट हो जाएगा कि सीआरपीएफ में नौकरी करनेवाला दशरथ गगराई और विधायक बननेवाला वास्तविक रूप में रामकृष्ण गगराई है।
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