लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार को बहरागोड़ा में भक्ति और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ. चार दिवसीय इस महापर्व के अंतिम दिन प्रखंड के हजारों भक्तों ने बनकटा पंचायत स्थित वार्णीपाल स्वर्णरेखा नदी घाट पर उदयमान (उगते हुए) सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. इसके बाद पारण कर 36 घंटे का निर्जला व्रत पूर्ण किया.

छठ घाटों में दिखा आस्था का अलौकिक दृश्य
सुबह होते ही स्वर्णरेखा नदी का तट आस्था के विराट संगम में बदल गया. सैकड़ों की संख्या में छठ व्रती, जिनमें महिलाएं प्रमुख थीं, पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर पूजन सामग्री से भरा सूप लेकर घाट पर पहुंची. विधि-विधान के साथ व्रतियों ने कमर तक पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर की उपासना की और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया.
छठ गीतों से गूंजा वातावरण
पूरे घाट परिसर में छठ गीतों की मधुर गूंज छाई रही, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया. पारंपरिक और मनमोहक गीतों ने हर श्रद्धालु को मंत्रमुग्ध कर दिया. छठ व्रतियों की अटूट श्रद्धा और भक्ति ने बहरागोड़ा के वातावरण को पूरी तरह से ओत-प्रोत कर दिया.
प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए बहरागोड़ा पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम मौके पर सक्रिय रही. पुलिस बल के जवान और अधिकारी घाट परिसर में मुस्तैद रहकर व्यवस्था को संभालने में लगे रहे, जिससे यह महापर्व शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ.
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