पीएम मोदी चाहे अमेरिका जायें, डोनाल्ड ट्रम्प के गले मिलें, लेकिन होगा वही, जो अमेरिकी राष्ट्रपति चाहेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कई कड़े फैसले लिये हैं, इनमें कुछ फैसले तो भारत के खिलाफ भी हैं। यानी ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के साइड इफेक्ट्स दिखाई देने लगे हैं। चाहे वह अवैध प्रवासियों को जबरदस्ती विमानों में भरकर भारत भेजने का मामला हो या फिर अभी की ताजा फंडिग रोकने की घटना।
अमेरिका ने भारत में चुनावों में मतदाताओं को वोट करने के लिए जागरूक करने के लिए जो फंडिंग दी जाती थी, वह रोक दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी इलॉन मस्क ने भारत के चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए होने वाली 182 करोड़ रुपए की फंडिंग को रद्द कर दिया है। मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने यह फैसला लिया। फंडिंग रोकना निश्चित रूप से भारत के लिए एक बड़ा झटका है।
डोगे ने एक्स प्लेटफॉर्म पर एक सूची जारी की है। इसमें जिन मद की फंडिंग रोकी गयी है, उसकी लिस्ट शामिल है। इस लिस्ट में भारत में मतदाताओं की भागीदारी के लिए मिलने वाली फंडिंग भी शामिल है। डोगे ने लिखा कि अमेरिकी टैक्सपेयर्स के पैसों पर होने वाले इन सभी खर्चों को रद्द कर दिया गया है।
ऐसा तब हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन दिन पहले अमेरिकी दौरे पर थे और डोगे प्रमुख एलन मस्क से मुलाकात भी की थी। इस मुलाकात में भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक मस्क और मोदी के बीच इनोवेशन, स्पेस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अलावा भारतीय और अमेरिकी संस्थाओं के बीच सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई थी। पीएम मोदी ने मस्क से मुलाकात की तस्वीरें अपने एक्स अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा था, एलन मस्क से अच्छी मुलाकात हुई। हमने कई मुद्दों पर बातचीत की। इनमें वे मुद्दे शामिल थे, जिन्हें लेकर मस्क बेहद जुनूनी हैं। जैसे- स्पेस, मोबिलिटी, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन. मैंने उनसे मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों के बारे में बात की।
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