
नर्स बहनों ने अस्पताल में भर्ती बच्चों संग मनाया रक्षाबंधन, दिया मानवता का संदेश
रक्षाबंधन का अर्थ केवल धागा बांधना नहीं, बल्कि एक-दूसरे की देखभाल और सुरक्षा का संकल्प है : हर्ष अजमेरा

हजारीबाग
जहां एक ओर रक्षाबंधन का पावन पर्व भाई-बहन के अटूट स्नेह और रक्षा के संकल्प का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर हजारीबाग आरोग्यम कुणाल अस्पताल (महिला एवं शिशु विभाग) की सेवा-भावना से ओतप्रोत नर्स बहनों ने इस त्यौहार को एक अनोखे और प्रेरणादायक रूप में मनाया। अस्पताल में उपचाररत सभी बच्चों के बीच नर्स बहनों ने स्नेहपूर्वक रक्षा सूत्र बांधा और उनके स्वस्थ, सुखी व सुरक्षित जीवन की मंगलकामना की। इस अवसर पर बच्चों को मिठाई वितरित की गई, जिससे उनके चेहरों पर खिलखिलाती मुस्कान छा गई और यह दिन उनके लिए अविस्मरणीय बन गया। इस प्रकार के आयोजन न केवल बाल-रोगियों के मनोबल को सशक्त बनाते हैं, बल्कि यह समाज को यह संदेश भी देते हैं कि रक्षा का भाव केवल पारिवारिक संबंधों तक सीमित नहीं, बल्कि यह हर जरूरतमंद के प्रति हमारा मानवीय दायित्व है। अस्पताल निदेशक हर्ष अजमेरा ने कहा कि रक्षाबंधन का वास्तविक अर्थ केवल एक धागे में बंधा रिश्ता नहीं, बल्कि एक-दूसरे की देखभाल और सुरक्षा का वचन है। हमारी नर्स बहनों ने इस परंपरा को मानवता की सेवा से जोड़कर अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। मुझे गर्व है कि हमारे अस्पताल का प्रत्येक सदस्य सेवा और संवेदनशीलता की भावना से जुड़ा हुआ है। अस्पताल कि प्रशासक जया सिंह ने नर्स बहनों और समस्त कर्मी दल के इस मानवीय प्रयास की प्रशंसा करते हुए कही कि इस पहल ने पर्व की सच्ची भावना प्यार, सेवा और संरक्षण को साकार कर दिया है।
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