नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर झारखंड सरकार को घेरा है। उन्होंने झारखंड में आदिवासी बेटियों की सुरक्षा पर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए कहा, ”गिरीडीह ज़िले में एक और आदिवासी बेटी का अपहरण हुआ। 8 दिन तक लापता रहने के बाद लड़की मिली तो उसके परिवार ने थाने में दरख्वास्त लगायी। अब तक कोई गिरफ़्तारी नहीं। कोई सख़्त क़ानूनी कार्रवाई नहीं। क्योंकि हेमंत सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि आरोपी का धर्म और वोटबैंक देखकर क़ानून तय किया जाये। हमने इस सरकार के समय में लगातार देखा है कि कैसे झारखंड में आदिवासी बेटियों को निशाना बनाया जा रहा है। कभी जबरन ग़ायब किया जाता है, कभी धर्मांतरण की साज़िश में फँसाया जाता है, कभी बलात्कार और हत्या तक की घटनाएं होती हैं। और हर बार, सरकार की प्रतिक्रिया एक जैसी होती है- न कोई संवेदना। न कोई तात्कालिक कार्रवाई। न कोई राजनीतिक जवाबदेही।
इस चुप्पी को अब हम “निष्क्रियता” नहीं कहेंगे। जो सरकार बार-बार अपराध होते देख रही है, लेकिन फिर भी मूकदर्शक बनी हुई है — वह सिर्फ़ नाकाम नहीं, वह अपराध की सहभागी है। आज आदिवासी समाज में गुस्सा है। हमारी बेटियां डर के साए में जी रही हैं। गांवों में असुरक्षा की भावना घर कर चुकी है। और जो सरकार उन्हें सुरक्षा नहीं दे सकती, जो सरकार उन्हें न्याय नहीं दे सकती, जो सरकार सिर्फ़ राजनीतिक लाभ-हानि देखकर प्रतिक्रिया तय करती है, उसे आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है। आरोपी की गिरफ़्तारी अविलंब होनी चाहिए।”
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