बिहार : राज्य में कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए बिहार पुलिस लगातार काम कर रही है। अपने बेहतर काम की बदौलत बिहार पुलिस हर फ्रंट पर लोगों का भरोसा जीत रही है। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के जरिए लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है, ताकि कोई भी साइबर फ्रॉड के चंगुल में न फंसे। बिहार पुलिस की विश्वसनीयता का ही परिणाम है कि फेसबुक पर 1 मिलियन फॉलोवर्स हो गए हैं।
बिहार पुलिस का फेसबुक पेज अब 10 लाख लोगों का परिवार बन चुका है। यही नहीं, अगर बाकी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को मिला दें, तो 17 लाख से ज्यादा लोग बिहार पुलिस के पेज को फॉलो करते हैं। फेसबुक पर बिहार पुलिस अब देश के अन्य राज्यों की पुलिस से काफी आगे दूसरे नंबर पर पहुंच गई है, प्रथम स्थान पर केवल केरल पुलिस है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म पर कुल फॉलोवर्स की संख्या के मामले में बिहार पुलिस अब चौथे नंबर पर पहुंच चुकी है। कुल फॉलोवर्स के मामले में बिहार पुलिस से आगे अब सिर्फ उत्तर प्रदेश, केरल और महाराष्ट्र पुलिस है।
पब्लिक से सीधे जुड़ाव के कारण बिहार पुलिस के फॉलोवर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बिहार पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर में चौबीसों घंटे काम कर रहे पुलिसकर्मी संदिग्ध अकाउंट्स पर भी नजर रखते हैं। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, भ्रामक या उन्माद फैलाने वाले पोस्ट करने, हथियार का प्रदर्शन करने या फिर फेक अकाउंट्स बनाने वालों पर पूरी निगरानी रखी जाती है। इन गतिविधियों से समाज या लोगों को दिग्भ्रमित करने वालों के खिलाफ संबंधित अधिकारी या विभाग को पूरी जानकारी भेजी जाती है, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।
सोशल मीडिया पर बिहार पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ने का यही कारण है। सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स की संख्या की बात करें तो बिहार पुलिस राज्य के किसी अन्य सरकारी विभाग से बहुत आगे है। पिछले साल राजस्थान पुलिस ने भी सोशल मीडिया सेंटर का दौरा किया और यहां के कामकाज को समझने की कोशिश की कि कैसे सोशल मीडिया के जरिए पुलिसिंग को और बेहतर किया जा सकता है।
सोशल मीडिया के जरिए साइबर फ्रॉड आजकल आम लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इससे बचने के लिए बिहार पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। डिजिटल अरेस्टिंग जैसे टर्म का इस्तेमाल कर या निवेश के नाम पर लोगों से उनकी कमाई ठगी जा रही है। इसका बचाव सिर्फ जागरूकता है, इसलिए लोगों को अपने करीबी और आसपास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।
बिहार पुलिस के पेज पर फोटो या वीडियो के जरिए आसान तरीकों से लोगों को यह बताया जाता है कि पुलिस या कोई भी अधिकारी फोन कॉल करके न तो पैसे की डिमांड करते हैं और न ही किसी तरह की धमकी देते हैं। लोग जितना ज्यादा जागरूक होंगे, उतना ही कम ऐसे फ्रॉड के जाल में फंसेगा। बिहार पुलिस की तरफ से लगातार अपील की जाती है कि डिजिटल अरेस्टिंग जैसा कुछ नहीं होता, यह सिर्फ लोगों को झांसे में लेकर उनके पैसे लूटने का एक तरीका है। न तो पुलिस के अफसर और न ही कोई अधिकारी इस तरह की जानकारी या धमकी फोन पर देते हैं, इसलिए लोगों को ऐसे कॉल पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
Leave a comment