केरेडारी। हजारीबाग जिला के केरेडारी प्रखण्ड के हेवई पंचायत में घाघरा नहर की स्थिति बदहाल है। करोड़ों खर्च के बाद भी घाघरा डैम से होते हुए पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव का अपना गांव पहरा, उफरोल , जमीरा, पतरा, कण्डबेर,बेलतू, गररीकला, राजाबागी तक नहर सूखा पड़ा है. शासन प्रशासन की उदासीनता के कारण ये महत्वकांक्षी सिंचाई परियोजना लोगों को लाभ देने में अब तक नाकाम साबित हो रहा है। हेवई पंचायत के ग्राम पहरा में स्थित है घाघरा नहर . नहर के निर्माण का उद्देश्य बंजर भूमि को हरा-भरा बनाने का है लेकिन नहर बनने के बाद भी यह उद्देश्य अधूरा है. हेवाई पंचायत, बेलतू और आसपास के इलाकों में सावन महीने में भी घाघरा नहर सूखा पड़ा रहता है। इस नहर से बंजर जमीन में हरियाली लाने की बात तो दूर मौसम की बेरूखी से मुरझा रहे अरहर जैसे खरीफ फसलों के लिए खेतों में लगे पौधों को बचाने भर भी पानी नहर में नहीं है. इसको लेकर किसानों का कहना है कि घाघरा नहर में पानी होता तब नहर और आसपास के इलाकों में पटवन कर खरीफ फसलों के पौधों को बर्बाद होने से बचाया जा सकता था. लेकिन नहर में पानी नहीं रहने से किसानों के पास कोई विकल्प ही नहीं है.
नहर में पानी छोड़ने की मांग तेजः-
मौसम की बेरुखी महीने में भी इलाके में फसलों कि बुआई शुरू नहीं हुई है. खेतों में लगाए गए, पौधे पानी के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. और पानी के अभाव में पालतू पशुओं और जंगली जीव जंतुओं को पानी के लिए अक्सर भटकते देखा जा रहा है! कई जीव जंतु पानी के अभाव में दम तोड रहें हैं! इन सब के वजह को देखते हुए बगल घाघरा नहर पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं पर नहर में पानी नहीं है. ऐसे में किसानों एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने विभाग से नहर में पानी छोड़े जाने की मांग कर रहे है.
क्या कहते है केरेडारी प्रखण्ड प्रमुख :-
केरेडारी प्रखण्ड प्रमुख सुनिता देवी ने हजारीबाग उपायुक्त महोदय से मांग करते हुए कहा . कि नहर में जल्द जल्द किसानों पानी उपलब्ध कराया जाए . विधायक अम्बा प्रशाद कि गांव है वहीं पर भी इस तरह कि समस्या क्षेत्र के लोगों को झेलनी पड़ रही है स्थानीय किसान उदासीनता के शिकार हो रहे हैं!
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