हजारीबाग : हजारीबाग में अपराधियों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण कोर्रा थाना क्षेत्र के नीलांबर इनक्लेव में देखने को मिला, जहां दिनदहाड़े पांचवें तल्ले पर स्थित एक फ्लैट से 15 लाख रुपये कैश की बड़ी चोरी हो गई। यह वारदात मंगलवार को हुई, जबकि बुधवार को मामला दर्ज कराया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि पूरी घटना अपार्टमेंट के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी है, लेकिन चोरों को रोकने वाला कोई नहीं था।
चोरी की यह घटना हजारीबाग शहर के धोबिया तालाब के पास स्थित नीलांबर इनक्लेव अपार्टमेंट में घटित हुई। यहां राजस्थान के रहने वाले दीपक, जो एक निजी कंपनी के निदेशक हैं, अपने कुछ सहयोगियों के साथ फ्लैट में किराए पर रह रहे थे। बताया जा रहा है कि दीपक की कंपनी रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइंस सेंटर जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में कार्य कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे दीपक और उनके सहयोगी ऑफिस के लिए निकले थे। इसके करीब दो घंटे बाद 3:18 बजे दो अज्ञात युवक अपार्टमेंट में लिफ्ट से प्रवेश करते हैं। पहले वे तीसरे तल्ले में उतरते हैं और फिर सीढ़ियों से होते हुए पांचवें तल्ले तक पहुंचते हैं। वहां, महज दो मिनट में फ्लैट का ताला तोड़कर अंदर घुस जाते हैं और तीन मिनट में अलमारी में रखे 15 लाख रुपये कैश लेकर निकल जाते हैं। चोरी के बाद दोनों युवक पैदल ही कुछ दूर जाकर ऑटो पकड़ते हैं, लेकिन बीच रास्ते में ही उतरकर देवांगना चौक की ओर पैदल निकल जाते हैं।
घटना के बाद फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और वहां से फिंगरप्रिंट के नमूने लिए गए। पुलिस आरोपियों की उम्र 22 से 25 साल के बीच मान रही है और उनकी पहचान के लिए कई थानों से संपर्क किया जा रहा है।
इस पूरी घटना ने अपार्टमेंट की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। न कोई पूछताछ, न कोई रजिस्टर एंट्री और न ही किसी गार्ड ने उन्हें रोका। दोनों युवक आसानी से लिफ्ट से फ्लैट तक पहुंचे और घटना को अंजाम देकर फरार हो गए।
गौरतलब है कि दीपक मूल रूप से राजस्थान के निवासी हैं। वे कुछ वर्षों से झारखंड में रहकर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपना स्टार्टअप चला रहे थे। उनका सपना था कि झारखंड के युवाओं को एआई और रोबोटिक्स जैसी तकनीकों से जोड़ा जाए। लेकिन इस घटना ने उनके विश्वास और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेते हुए शहर के विभिन्न चौक-चौराहों के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। साथ ही फिंगरप्रिंट के आधार पर आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है।
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