पटना: बिहार में भूकंप से कई जिलों में धरती डोली. पटना, भागलपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, शिवहर मधुबनी कटिहार, सिवान, अररिया, पूर्णिया सहित कई जिलों में इसका असर देखने को मिला. शुक्रवार की रात करीब 2:36 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. लोग रात में घर से बाहर निकलने लगे.
नेपाल में रहा केंद्र: बिहार में आए भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गयी गयी है, जिसका केंद्र नेपाल में पाया गया है. धरती से करीब 10 किलोमीटर नीचे से कंपन उठी जो नेपाल के साथ साथ बिहार के कई जिलों में इसके झटके महसूस किए गए. हालांकि किसी भी प्रकार की कोई हताहत की खबर नहीं है.
देर रात घर से निकले लोग: राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार नेपाल के बागमती भूकंप का केंद्र था. नेपाल में भी 5.5 तीव्रता के साथ भूकंप आया है. यही कारण है कि इसका असर देखने को मिला. बिहार में भूकंप के बाद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दे रही है. कई जगह धरती डोलने के कारण लोग रात में घर से निकल गए.
फरवरी माह में दूसरा भूंकप: बता दें कि बीते फरवरी महीने में बिहार में यह तीसरी बार भूकंप आया है. इससे पहले 17 फरवरी को भूकंप आया था, जिसका केंद्र सिवान जिला का हसनपुर गांव बताया गया था. इसकी तीव्रता 4.0 डिग्री थी.
जनवरी और फरवरी में भी भूकंप: 4 फरवरी को को भी बिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. पटना से लगभग 400 किमी पर तीन भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसकी तीव्रता 3.6 थी. इसके अलावे 7 जनवरी को भी भूकंप आया था. जिसकी तीव्रता 5.3 मापी गयी थी. इसी दौरान नेपाल, चीन और तिब्बत में भूकंप 7.1 की तीव्रता से आया था.
हाल के वर्षों में बिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं
- 7 जनवरी 2025
- 6 नवंबर 2024
- 9 अगस्त 2024
- 27 अगस्त 2024
- 4 नवंबर 2023
- 22 अक्टूबर 2023
- 31 जुलाई 2021
- 19 अक्टूबर 2022
1934 में सबसे बड़ा भूकंप: बिहार में भूकंप का इतिहास की बात करें तो 1934 में सबसे बड़ा भूकंप आया था. 15 जनवरी 1934 को बिहार में भूकंप ने भयंकर तवाही मचाया था. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 7 हजार 253 लोगों की इसमें मौत हो गयी थी. राज्य के मधुबनी, मुजफ्फरपुर, मुंगेर जिला भूकंप से ज्यादा प्रभावित था.
बिहार संवेदनशील राज्य: आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार भूकंप के लिए बिहार संवेदनशील राज्य है. 38 जिलों में 8 जिले अतिसंवेदनशील है. ये 8 जिले जोन 5 में आते हैं, जिसमें किशनगंज, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, सीतामढ़ी, दरभंगा और मधुबनी शामिल है. दक्षिण बिहार की संवेदनशीलता कम है.
राहत के लिए यहां करें संपर्क: भूकंप की कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है. यह कभी भी आ सकता है. ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. कुछ सावधानियां बरत कर लोगों और उनके जान-माल का बचाव कर सकते हैं. किसी भी आपातकालीन सहायता के लिए आपदा प्रबंधन विभाग के राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं.
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