सरायकेला खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड में एक दुर्लभ बच्चे का जन्म हुआ है। नीमडीह प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को इस दुर्लभ बच्चे ने जन्म लिया। उसकी मछली के पूछ जैसे एक पैर है। बच्चे का लिंग भी नहीं है। इसका वजन डेढ़ किलो है। बच्चे को जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को नीमडीह थाना क्षेत्र के पारगामा निवासी बिनोद सिंह सरदार की पत्नी आशा सिंह सरदार को प्रसव पीड़ा हुई, तो उसे प्रसव के लिए नीमडीह सीएचसी लाया गया। सीएचसी में आशा सिंह सरदार ने एक दुर्लभ बच्चे को जन्म दिया। बच्चे का वजन बहुत कम था, इसलिए उसे जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया। एमजीएम में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स बच्चे का इलाज कर रहे हैं।
डॉक्टरों की टीम लगातार बच्चे की स्थिति पर नजर रख रही है। डॉक्टरों ने भी इस केस को मेडिकल फील्ड के लिए दुर्लभ और अनोखा मामला माना है। सरायकेला-खरसावां के सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि इसे डिफॉर्मेटी बाई बर्थ कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान जीन के म्यूटेशन की वजह से ऐसे अंग बनते हैं। उन्होंने कहा कि जीन के इसी म्यूटेशन की वजह से कभी किसी बच्चे के चेहरे पर सूंड जैसी आकृति बन जाती है, तो कभी 2 हाथ, 2 पैर बन तैयार हो जाते हैं।
Leave a comment