रिपोर्ट आरीफ कुरैशी रामगढ़
*रामगढ़ : बुधवार को कृषि विज्ञान केन्द्र, माण्डू, रामगढ़़ में पंचम् वैज्ञानिक सलाहकार समिति की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना, के निदेशक डा. आशुतोष उपाघ्याय की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।* बैठक का शुभारंभ डा. ऐ. के. सिंह, प्रधान शोध केन्द्र, प्लाण्डु, रांची ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलीत कर किया साथ ही उन्होंने केन्द्र की स्थापना से लेकर चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया और पिछले वर्ष में किसानों को नई तकनीकी टूल्स जैसे वाट्सअप, विडियो, आडियों एवं आन-लाईन के माध्यम से तथा केन्द्र आयोजित किसानों को प्रशिक्षण से अवगत कराया गया प्रभारी डा. दुष्यन्त कुमार राघव ने बताया की केन्द्र के वैज्ञानिकों ने जिले में शकरकन्द की उन्नत प्रभेद-भू-कृष्णा एवं भू-सोना की खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों को प्राकृतिक खेती की आवश्यकता, महत्व एवं लाभ की ओर जागृत कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, केन्द्र द्वारा किये गये बैंगन एवं टमाटर में कीट प्रबंधन एवं मशरुम, प्लास्टिक मल्चिंग विधि से खेती हेतु प्रशिक्षण शोध प्रणाली पर परीक्षण परिणाम प्रस्तुत किये जिससे जिले के किसानों को इन फसलों में पोषक तत्व प्रबंधन एवं कीट प्रबंधन प्रशिक्षण प्रणाली पर अनुशंसा कि जा सकेगी। जिले में उन्नत प्रजाति के फलदार वृक्षों कि उलब्धता बढ़ाने हेतु हाईटेक नर्सरी की स्थापना कृषि विज्ञान केन्द्र में हुई है जिसके माध्यम से रामगढ़ जिले एवं आस-पास के किसानों को गुणवत्तायुक्त फल एवं सब्जी के पौधे उपलब्ध हो सकेगें। निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पटना डा. आशुतोष उपाघ्याय ने कहा कि किसान उत्पादक संगठन के माध्यम से उत्पादन किये जाने वाले सब्जियों के उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन पर जोर दिया जायेगा। युवा किसानों को खेती की ओर आकर्षित करने हेतु सघन खेती तकनीक एवं जलवायु अनुकूल फसल प्रणाली, बायोफोर्टिफाइड किस्मों को कृषि प्रणाली में अपनाने हेतु किसानों से अपील की गई। बैठक में डा एन.पी. मंडल एवं शिव मंगल प्रसाद, केन्द्रीय उपराउ भूमि चावल अनुसंधन केन्द्र, हजारीबाग ने कृषि विज्ञान केन्द्र में बीज उत्पादन कि सरहना करते हुए उसे बृहद स्तर पर ले जाने पर बल दिया साथ ही जिला कृषि पदाधिकारी, रामगढ़ श्री रमेश मिश्रा ने केन्द्र के कार्यो की प्रशंसा करते हए केन्द्र के द्वारा कृषि कि नई तकनीक को किसानों तक पहुचाने पर बल दिया एवं प्रगतिशील कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा बताई गई तकनीकों के माध्यम से खेती करने के लिए कहा। श्री उपेन्द्र साह, डी.डी.एम., नाबार्ड ने बताया की एफ.पी.ओं. के माध्यम से किसान संगठित होकर विपणन की समस्या का हल कर सकते हैं और उन्होंने किसानों को खेती के साथ पशुपालन कि ओर अग्रसर होगी। श्री अमरेन्द्र कुमार गुप्ता, सदस्य, क्षेत्रीय परामर्ष दात्री समिति, नाबार्ड, झारखण्ड ने जिले में शरीफा एवं स्वीट कार्न के उत्पादन के बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र के खुल जाने से यहा सब्जियों एवं फलों के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई है। परियोजना निदेशक श्री प्रवीण कुमार सिंह ने किसानों को समय-समय पर तकनीकी प्रशिक्षण लेने कि बात कही। कृषि विज्ञान केन्द्र, रामगढ़ के डा. इन्द्रजीत ने कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन किया।बैठक में मुख्य रूप से केन्द्र के डा. धर्मजीत खेरवार, श्री सन्नी कुमार, श्री शशिकान्त चौबे, आल इंडिया रोडियो के श्री अमिताभ कुमार एवं सुनिल श्रीवास्तव, सपोर्ट, माण्डु के श्री रवीन्द्र कुमार सिंह के साथ-साथ जिले के विभिन्न किसान श्रीमति सुनिता देवी, सुनिल कुमार महतो, महादेव मांझी, शंकर प्रसाद, अनिल कुमार दास, निरंजन कुमार आदि लोग उपस्थित रहें।
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