
डकरा। मनरेगा मजदूरों को पलायन रोकने तथा रोजगार सृजन को लेकर सरकार मनरेगा योजना पर मुख्य रूप से फोकस करते हुए लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की सपना देख रही है। लेकिन खलारी प्रखंड में मनरेगा योजना में गड़बड़ी थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रखंड के प्राय सभी पंचायतो मे मनरेगा योजना के तहत डोभा निर्माण, कुआं कार्य में मजदूरों के बजाय जेसीबी मशीन से खुदाई किये जा रहे है। इन सभी योजनाओं को रातों-रात निर्माण कार्य पूरा कर लिया। और मजदूर सिर्फ नेट पर कार्य करते दिख रहे हैं। बताया जाता है कि उक्त सभी योजना निर्माण में जेसीबी मशीन का प्रयोग करने के मामले को लेकर पदाधिकारी की जानकारी में किया जा रहा। लेकिन कमीशन खोरी को लेकर ये मौन साधे है। कार्य के बाद विभाग के अधिकारी जानकारी होने के बाद भी राशि का भुगतान कर दिया जा रहा है। जानकारीअनुसार खलारी प्रखंड के 14 पंचायतों में लगभग साढ़े 13 हजार मजदूर रजिस्टर्ड है। मनरेगा कार्य में पंजीकृत अधिकतर मजदूरो फूटी कौड़ी भी नहीं मिलती है। योजना में विभाग से जुड़े बिचौलिया इस कदर हावी हैं कि जिस जगह वे चाहते हैं उसी स्थल पर कार्य कर लेते हैं। कई जगहों में लोग जाते तक नहीं, खेती भी न के बराबर होती है वहां सिंचाई के लिए तालाब और कुएं खोद डालते है।
जिला परिषद सदस्य ने मनरेगा योजनाओं में जेसीबी मशीन का इस्तेमाल करने की बात कही
उधर खलारी पूर्वी की जिला परिषद सदस्य शाल्या परवीन ने खलारी में मनरेगा योजनाओं में मशीन इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। जिप सदस्य ने कहा कि मनरेगा की योजनाएं ठेकेदारी के लिए नहीं होती। बल्कि इसका उद्देश्य रोजगार देना है। कहा कि उन्हें कई पंचायतों से शिकायत मिली है कि मनरेगा की कई योजनाओं में जेसीबी जैसी मशीन का इस्तेमाल कर दिया जा रहा है।पंजीकृत मजदूरों को थोड़े से पैसे देकर उनके नाम पर मजदूरी का बिल निकाल लेने की कई मामले उनके संज्ञान में आए हैं।
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