गुमला की उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने ज़िले में हाल ही में अनाथ हुए लगभग 25 बच्चों के मामलों का संज्ञान लिया है। इन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु विभिन्न कारणों से हुई है, जिनमें सड़क दुर्घटनाएं सबसे प्रमुख हैं। उपायुक्त ने इन बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने बाल कल्याण समिति को निर्देश दिया है कि वे प्रभावित परिवारों से सीधे संपर्क करें और दस्तावेजीकरण में सहायता करें, क्योंकि कई परिवारों के पास आधार कार्ड, मृत्यु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र (₹72,000 की सीमा के अनुसार) जैसे आवश्यक दस्तावेज़ नहीं हैं। प्रखंड स्तर पर अधिकारियों को भी इन बच्चों के लिए दस्तावेज़ बनाने का काम तेज़ी से करने का निर्देश दिया गया है ताकि उन्हें पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय सहायता जैसी योजनाओं से जोड़ा जा सके।
अधिकारियों ने डुमरी, घाघरा और रायडीह प्रखंडों के बच्चों से मुलाकात की है। प्रभावित बच्चों में रोहित नागेशिया, अंजंती कुमारी, प्रमिला कुमारी, चंद्रदेव मुंडा और अन्य शामिल हैं, जिनकी आयु 2 से 20 वर्ष के बीच है। ये सभी बच्चे अपने माता-पिता की आकस्मिक मृत्यु के बाद असहाय और अनाथ हो गए हैं। उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित स्वयं इस पूरे अभियान की निगरानी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि “जिला प्रशासन का दायित्व है कि इन मासूम बच्चों के जीवन में कोई कमी न हो।” उन्होंने आश्वासन दिया है कि बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएँगे और जब तक दस्तावेज़ पूरे नहीं हो जाते, उन्हें प्रशासनिक स्तर पर हर संभव सहयोग मिलेगा।
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