भुरकुंडा। शनिवार को फेंडामेंटल साइंस स्कूल भदानीनगर और सौंदा हाई स्कूल में खुशी क्लास का आयोजन हुआ। लाइफ केयर हॉस्पिटल, रांची और खुशी मिशन के तत्वावधान में आयोजित खुशी क्लास को सम्बोधित करते हुए संस्थापक सह संचालक मुकेश सिंह चौहान और खुशी दूत डॉ संजय कुमार सिंह ने कहा कि परीक्षा में प्राप्त अंक को कभी भी तनाव में नहीं लें। अंक सिर्फ माध्यम मात्र है, आपकी व्यक्तित्व की पहचान नहीं। जैसे सड़क के किनारे मील के पत्थर यह बताते हैं कि आप किसी जगह से कितनी दूरी पर हैं। बस इसी तरह अंक बता देता है कि अभी आपको और आगे जानी है या आप कहां खड़े हैं। इसलिए अंक को तनाव के रूप में कभी नहीं लें, कतई नहीं लें। सिर्फ कैरियर पर फोकस नहीं, बल्कि संपूर्ण व्यक्तित्व विकाश पर ध्यान केंद्रित करें। यह खुशी के साथ ही संभव है। चौहान ने बताया कि सकारात्मकता के गर्भ से खुशी जन्मती है। खुश रहकर ही आप मंजिल को पा सकते हैं, जिंदगी जिंदादिली के साथ जी सकते हैं। इसका कोई विकल्प है ही नहीं। तनाव क्रोध के रूप में बाहर निकलकर हमारे व्यक्तित्व को तहस-नहस कर देती है। तनाव में कोई भी मंजिल पा ही नहीं सकते। इसलिए खुशी के साथ सकारात्मकता को हथियार बना मंजिल फतेह कीजिए। चौहान ने सकारात्मकता से सजी कहानी भी सुनाई- एक हथौड़ा छोटी सी चाबी से पूछा- आखिर तुम्हारे अन्दर ऐसी कौन सी शक्ति है जो तुम जिद्दी तालों को भी बड़ी आसानी से खोल देती हो, जबकि मैं इतना बलशाली होते हुए भी ऐसा नहीं कर पाता। चाबी बोली- तुम तालों को खोलने के लिए उसपर प्रहार करते हो। ऐसा करने से ताला खुलता नहीं टूट जाता है। जबकि मैं ताले को बिलकुल भी चोट नहीं पहुंचाती। उसके मन में उतर कर उसके हृदय को स्पर्श करती हूँ और फिर निवेदन करती हूँ, वह फ़ौरन खुल जाता है। लब्बोलुआब यह, यदि हम किसी को सचमुच जीतना चाहते हैं तो हमें उस व्यक्ति के हृदय में उतरना होगा। जोर-जबरदस्ती से कोई काम कराना संभव तो है पर इस तरह से हम ताले को खोलते नहीं बल्कि उसे तोड़ देते हैं। यानि उस व्यक्ति की उपयोगिता को नष्ट कर देते हैं। जबकि प्रेम पूर्वक किसी का दिल जीतते ही हम उसकी उपयोगिता को कई गुना बढ़ा देते हैं।कार्यक्रम के अंत में चौहान ने कॉलेज और स्कूल प्रबंधन से आग्रह किया कि कभी भी कोई तनाव से सम्बंधित मामला आए, खुशी क्लास से जरूर संपर्क करें। निःशुल्क हर संभव मदद दी जाएगी। मौके पर खुशी दूत संदीप कुमार शाह सहित फेंडामेंटल स्कूल के प्राचार्य अमरनाथ कुशवाहा, रीता देवी, रंजना देवी, रूपम निर्भया, प्रियंका ओझा, साइमा, स्नेह, जूही, रूपम कुमारी, प्रियंका कुमारी, हरे राम, मोनिका, सौंदा हाई स्कूल के प्राचार्य अनुज कुमार खत्री, उदय भान सिंह, सरफराज अहमद, सतीश कुमार, सत्यदेव सिंह, ऋषव रॉय, रामानुज कुमार मिश्रा, मजदूर नेता संजय यादव आदि मौजूद थें।
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