
हजारीबाग यूथ विंग ने निभाई इंसानियत की जिम्मेदारी, संकट में दिया जीवन का संबल.
मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है,जरूरतमंद की सहायता के लिए हमारी संस्था सदैव तत्पर है और रहेगी :– चंद्र प्रकाश जैन.
हजारीबाग यूथ विंग का संकल्प है कि हर जरूरतमंद को समय पर सहायता मिले :– करण जायसवाल.
हजारीबाग
हजारीबाग यूथ विंग, जो लगातार सामाजिक और धार्मिक कार्यों में अपनी सक्रियता दिखा रही है, इसी दौरान सोमवार को मानवता की एक शानदार मिसाल पेश की। शहर की एक बुजुर्ग महिला को अचानक रक्त की सख्त आवश्यकता पड़ी। परिजनों ने जब हजारीबाग यूथ विंग से सहायता की अपील की, तो संस्था ने बिना देर किए सक्रियता दिखाई। संस्था के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने विभिन्न स्रोतों से रक्तदाता की तलाश शुरू की। इसी क्रम में द कोबरा कराटे अकादमी के संस्थापक चंद्र प्रकाश उपाध्याय से संपर्क कर रक्तदान का आग्रह किया गया। अपील करते ही उपाध्याय ने तुरंत शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज ऑफ अस्पताल स्थित ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया। उनके इस त्वरित और निःस्वार्थ कदम से बुजुर्ग महिला की जान बचाई जा सकी। यह चंद्र प्रकाश उपाध्याय का पहला रक्तदान था। रक्तदान करने के बाद उन्होंने कहा,मुझे बेहद अच्छा अनुभव हो रहा है, जीवन में पहली बार रक्तदान किया और यह एहसास शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। क्योंकि इससे न केवल किसी का जीवन बचता है, बल्कि भीतर से भी असीम खुशी मिलती है.इस सेवा कार्य के अवसर पर संस्था के संरक्षक चंद्र प्रकाश जैन ने भी कहा की हजारीबाग यूथ विंग का मुख्य उद्देश्य संकट के समय जरूरतमंदों तक तुरंत सहायता पहुंचाना है। चंद्र प्रकाश उपाध्याय ने जो संवेदनशीलता और तत्परता दिखाई, वह पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। हम चाहते हैं कि युवा पीढ़ी ऐसे कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले। रक्तदान जीवनदान है, और यह सबसे बड़ा मानव धर्म है। संस्था भविष्य में भी इसी प्रकार मानव सेवा के कार्यों में अग्रसर रहेगी। अध्यक्ष करण जायसवाल ने रक्तदाता के जज्बे को सलाम करते हुए कहा की हजारीबाग यूथ विंग का संकल्प है कि हर जरूरतमंद को समय पर सहायता मिले। हम युवा शक्ति के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कार्यक्रम के दौरान संस्था के सचिव रितेश खंडेलवाल, सदस्य जय प्रकाश खंडेलवाल और ब्लड बैंक के टेक्नीशियन मुरली प्रजापति,शमशाद, मधु एवं नेहाल भी उपस्थित रहे और प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराया। हजारीबाग यूथ विंग ने पुनः यह सिद्ध कर दिया कि जब भी मानवता की पुकार होती है, वे सबसे आगे खड़े रहते हैं।
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