झारखंड : झारखंड की हिन्दी कवयित्री डॉ. पार्वती तिर्की को इस साल के साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। इस साल के साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार में कुल 23 भाषाओं के लेखकों में इनके नाम की भी घोषणा की गई है। डॉ. पार्वती तिर्की को यह सम्मान उनकी पुस्तक ‘फिर उगना’ के लिए प्रदान किया जा रहा है। यह सम्मान कविता के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जा रहा है।
इनकी शिक्षा
विदित हो कि डॉ. पार्वती तिर्की झारखंड के गुमला जिले की मूल निवासी हैं। जिनकी शुरुआती शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय से हुई है। वहीं बी.ए और एम.ए की शिक्षा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पूरा करने के बाद इसी विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग से कुड़ुख आदिवासी गीतों पर इन्होंने अपना शोधकार्य पूर्ण किया। और वर्तमान में रांची के रामलखन सिंह यादव कॉलेज में हिन्दी विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। इनको लेखन के क्षेत्र में सम्मान मिलना बताता है कि इन्हें कविता और लोकगीतों में विशेष अभिरुचि है।
इस किताब में आदिवासी जीवन को उकेरा गया है। जो कि आदिवासी जीवन को कविता के रूप में दर्शाता है। यह किताब 2023 में राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित हुई है। इनका यह पहला काव्य संग्रह आदिवासी जीवन, संस्कृति, लोककथाओं और लोक जीवन से जुड़ा है।
डॉ. पार्वती तिर्की को इसके पूर्व भी लेखन के क्षेत्र में कई सम्मान दिए जा चुके हैं। इसी साल विष्णु खरे युवा कविता सम्मान 2025 से इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। वहीं 2023 में प्रलेक न्यास के द्वारा प्रलेक लेखन सम्मान दिया गया है। यह सम्मान मिलना युवाओं के लिए एक प्रेरणा का श्रोत बनकर उभरीं हैं।
बता दें कि इनके साथ ही कुल 23 लेखकों को भी अलग अलग भाषाओं में इस सम्मान के लिए चयन किया गया है। कुल 24 भाषाओं में दिए जाने वाले इस सम्मान में इस साल डोंगरी भाषा के किसी लेखक को चयनित नहीं किया गया है।
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