गांधीनगर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात दौरे के दौरान गांधीनगर में एक रोडशो में कहा कि आज हर तरफ तिरंगे की लहरों और देशभक्ति गीतों की गूंज है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के हर कोने में मातृभूमि के प्रति प्रेम और उत्साह है. हर हिंदुस्तानी के दिल में देश के लिए गर्व है. पीएम ने आतंकवाद के मसले पर कहा कि जैसे शरीर में एक कांटा चुभने से पूरा शरीर परेशान होता है, वैसे ही देश को चुभने वाले कांटे को हम निकालकर रहेंगे.
मोदी ने 1947 के बंटवारे का जिक्र किया, जब मां भारती के टुकड़े हुए और कश्मीर पर पहला आतंकवादी हमला हुआ. पाकिस्तान ने मुजाहिदों के नाम पर भारत का हिस्सा हड़प लिया. अगर उस समय कड़ा जवाब दिया गया होता, तो आतंकवाद का यह सिलसिला 75 साल तक न चलता. पहलगाम की हालिया घटना इसका उदाहरण है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने तीन युद्धों में भारत से हार मानी, जिसके बाद उसने प्रॉक्सी वार शुरू किया. प्रशिक्षित आतंकवादी भारत भेजे गए, जो निर्दोष लोगों को निशाना बनाते रहे. पीएम ने कहा कि अब समय है कि गोली का जवाब गोले से और ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाए.
ऑपरेशन सिंदूर
मोदी ने छह मई की घटना का उल्लेख किया जब 22 मिनट में आतंकवादियों के नौ ठिकानों को ध्वस्त किया गया. यह कार्रवाई कैमरों के सामने हुई ताकि कोई सबूत न मांगे. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में आतंकवादियों के जनाजे को राजकीय सम्मान दिया गया, उनके ताबूत पर पाकिस्तान का झंडा लपेटा गया और सेना ने सलामी दी. यह साबित करता है कि यह प्रॉक्सी वार नहीं, बल्कि सीधा युद्ध है. पीएम ने कहा कि भारत अब इसका जवाब उसी भाषा में देगा.
भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि हम पड़ोसियों का सुख-चैन चाहते हैं. भारत हजारों सालों से शांति और विश्व कल्याण की बात करता रहा है. लेकिन जब देश की ताकत को ललकारा जाएगा तो यह वीरों की भूमि जवाब देना जानती है. उन्होंने 1960 की सिंधु जल संधि का जिक्र किया जिसमें जम्मू-कश्मीर की नदियों की सफाई पर भी रोक है. इस वजह से 60 सालों में इन नदियों की सफाई नहीं हुई और देशवासियों को उनका हक का पानी नहीं मिला.
पीएम ने नई पीढ़ी से अपील की कि वे देश की प्रगति और आत्मनिर्भरता के लिए आगे आएं. भारत शांति और विश्व कल्याण के लिए काम करता है लेकिन आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि भारत प्रगति की राह पर है. मुसीबत में दूसरों की मदद करता है, लेकिन बदले में खून की नदियां नहीं सहेगा.
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