राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ईडी मुख्यालय पहुंच गये हैं. आज ईडी के अधिकारी तेजस्वी यादव से जमीन के बदले नौकरी मामले में पूछताछ करेंगे. ईडी ने सोमवार को समन भेजकर 11 अप्रैल को पेश होने को कहा था. यह पहली बार है, जब ईडी की टीम तेजस्वी यादव से इस मामले में पूछताछ करेगी. इससे पहले ईडी ने राज्यसभा सदस्य मीसा भारती से पूछताछ की थी.
बता दें कि ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है. जमीन के बदले नौकरी घोटाले में ईडी ने अब तक 600 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य मिलने का दावा किया है. ईडी के अनुसार, अपराध से बनायी गयी संपत्तियों में से 350 करोड़ की अचल संपत्ति है. जबकि 250 करोड़ बेनामी लोगों के माध्यम से लालू यादव के परिवार के पास आये. ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ग्रुप डी की नौकरियों के बदले मात्र 7.5 लाख में लिये चार जमीन को राजद के पूर्व विधायक सैयद अबु दोजाना को 3.5 करोड़ में बेचा गया. राबड़ी देवी ने इसका अधिकांश हिस्सा तेजस्वी यादव को ट्रांसफर कर दिया था. इसके भी साक्ष्य ईडी के पास मौजूद हैं.
सीबीआई का आरोप है कि 2004 से 2009 के दौरान लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था. इस दौरान लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री करायी गयी और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकायी गयी. उधर रेलवे में जिन पदों पर भर्ती हुई, उसका न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही सेंट्रल रेलवे को सूचना दी गयी. आवेदन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दी गयी.
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