रामगढ़ जिले के भुरकुंडा कुरसे जंगल स्थित ऊपर धौड़ा के इज़हार नामक व्यक्ति के मौत के बाद कुरसे कब्रिस्तान में कब्र कोड़ने के दौरान इसराइल अंसारी और उनके पुत्र शमशेर अंसारी के द्वारा कब्र कोड़ने पर उसे रोकने का मामला गरमाया। जिसके बाद नाराज़ मुस्लिम समुदाय के लोग सैंकड़ों की संख्या में भुरकुंडा थाना पहुंचकर दोनों व्यक्ति के खिलाफ आवेदन देकर लाइफ टाइम का रास्ता निकालने एवं न्याय की मांग किया गया और मौके पर मुस्लिम समुदाय के सलाउद्दीन मंसूरी एवं नुरमोहम्मद ने कहा कुरसे जंगल स्थित पिछले सौ वर्षों से कब्रिस्तान है जहां हम मुस्लिम समाज के लोग जनाजा को दफनाने का कार्य करते आ रहें हैं लेकिन पिछले दो वर्षों से जब भी किसी का इंतकाल होता है उस वक्त कब्र कोड़ने के दौरान इसराइल अंसारी और उनके पुत्र शमशेर द्वारा धक्का मुक्की करते हुए कब्र कोड़ने से रोका जाता है कुदाली बेलचा सबल फेंक दिया जाता है आज फिर ऐसा ही घटना होने पर हम समाज के लोग थाना आएं हैं।
बताते चलें कि इस घटनाक्रम का खबर इलाके में आग के तरह फैलते ही तनावपूर्ण माहौल कायम हो गया, जिसके बाद थाना प्रभारी मयंक प्रसाद के निर्देशानुसार शमशेर अंसारी और उनके पिता को थाना लाया गया। पूरे मामले के जानकारी प्राप्त होते ही एसडीपीओ बिरेंद्र चौधरी , कुरसे मुखिया संदीप उरांव, प्रदीप मांझी मुखिया जवाहर नगर पंचायत, कुरसे स्थानीय रैयत संतोष यादव और मुस्लिम समाज के प्रबुद्धजन भी भुरकुंडा थाना परिसर पहुंचे और विरोध कर रहे सैंकड़ों मुस्लिम समुदाय से बात करते हुए दुसरे पक्ष इसराइल अंसारी, शमशेर अंसारी को समझाया गया कि आप अपने रैयती पलोट में चार दिवारी करा लें। यहां स्थापित कब्रिस्तान जीएम लैंड में है और पिछले सदियों से लगभग सौ वर्षों है जहां सदयों से लोग जनाजा को दफनाने का कार्य करते आ रहें हैं ।
आजके बाद किसी प्रकार का आप लोग द्वारा बाधा नहीं डाला जाए नाही अपना अधिकार जमाएं क्योंकि कानून के मुताबिक जीएम लैंड में स्थापित कब्रिस्तान में कोई भी व्यक्ति अपना अधिकार नहीं जता सकता है।
वहीं एसडीपीओ बिरेंद्र चौधरी और थाना प्रभारी मयंक प्रसाद व जनप्रतिनिधि द्वारा काफी मशक्कत नोंक-झोंक के बाद वार्ता को सफल कराई गई। और जनाजे को दफनाने के लिए वापस कब्र कोड़ने का आदेश दिया गया। जिसके बाद थाना परिसर पहुंचे सैंकड़ों की संख्या में भिड़ वापस लौटी।
वहीं दुसरे पक्ष के इसराइल अंसारी और उनके पुत्र शमशेर अंसारी का कहना है मुस्लिम समाज को कब्रिस्तान के लिए हमारे पुर्वज के द्वारा जमीन दिया गया लेकिन भुरकुंडा अंजुमन इसे ना मानकर हमेशा हमलोग के साथ भेद-भाव करते हुए विश्वासघात करने का कार्य किया है जरूरत पड़ने पर हमारा साथ छोड़कर जिनसे हमारा जमीनी विवाद चल रहा था अंजूमन उनका साथ देने का कार्य किया है।
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