दिनांक 09.10.2023 को अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, हजारीबाग के जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कल राज्य में हुए बैठक के निर्णय पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षकों द्वारा प्रोन्नति से संबंधित मांगे गए मार्गदर्शन से संबंधित दिशा निर्देश सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड के पत्रांक 770 दिनांक 5.10.2022 में प्रोन्नति से संबंधित माननीय न्यायालय के आदेशों को अनदेखा किया गया है साथ ही पूर्व से निर्गत आदेश पत्रक 619 दिनांक… को भी अमान्य करना कहीं से भी उचित नहीं है । जबकि 26।09।23 को ही माननीय उच्च न्यायलय ने प्रोन्नति से सम्बन्धी केस न0 4115को खारिज करते हुए भूतलक्षी प्रभाव से 2016 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को प्रोन्नति देने का आदेश दिया गया है जबकि इसके विपरीत सचिव ने 770 पत्र निर्गत कर उहा पोह की स्थिति पैदा कर दिया गया।
इस दिशा निर्देश में नियुक्ति नियमावली 2012 से 1 से 5 के शिक्षकों को कक्षा 6 से 8 की टेट परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत ही प्रोन्नति दी जाएगी जो शिक्षकों के साथ अन्याय है। प्रारंभिक शिक्षकों जो कक्षा 1 से 8 तक पूर्व से कार्यरत थे उन्हें भी इस दिशा निर्देश में ग्रेड 4 से ग्रेड 7 में प्रोन्नति पर उलझा दिया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग द्वारा शिक्षकों को प्रोन्नति से वंचित रखा जाना नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है। इस उलझन भरे दिशा निर्देश से शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है ।
इस बैठक में सरप्लस शिक्षक स्थानांतरण में अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 जो झारखंड सरकार द्वारा वर्ष 2011 में लागू किया गया के तहत छात्र शिक्षक का अनुपात वर्ग 1-5 में 30 एवम वर्ग (1-8) में 35 अनुपात का पालन नहीं किया गया है ,इस कारण कई विद्यालय सरकारी शिक्षक विहीन हो जाएंगे जबकि सरकारी शिक्षक का पद उन विद्यालयों में स्वीकृत है। साथ Gear वर्ष 2012 से पूर्व नियुक्त सभी प्रारम्भिक शिक्षक (1-8) है जबकि उन्हें भी कक्षा 1 से 5 में दिखाया जाना पूर्णतः गलत है। इसमें सुधार नही किये जाने पर संघ माननीय उच्च न्यायालय में रिट दायर करने का भी निर्णय लिया गया ।
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