
केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों का भी लोहरदगा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं दिख रहा है असर।
सद्दाम खान लोहरदगा ब्यूरो
लोहरदगा। झारखंड के लोहरदगा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें आज भी राहगीरों को मौत से मुलाकात की ओर खींच रही है। यहां की अधिकतर सड़कें उखड़-खाबड़ स्थिति में आ पहुंचा है, जिससे लोगों को हर वक्त जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बनते ही अपना दम तोड़ चुका है। लोहरदगा में केंद्र और राज्य द्वारा सड़क निर्माण कार्य को लेकर अरबों रूपये पानी की तरह बहा रही है लेकिन गुणवत्ता विहीन सड़क का निर्माण कार्य कराए जाने से महज कुछ दिन में ही क्षेत्र की अत्यधिक सड़कें विभाग और संबंधित संवेदकों की पोल खोलकर रख दिया है।
दुपट्टा चौक से ब्राह्मणडीहा सड़क साल भर में जर्जर, आवागमन बनी चुनौती।
लोहरदगा सदर प्रखंड अंतर्गत बेटहट पंचायत और किस्को प्रखंड को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कार्य महज साल भर पहले कराया गया था जो पूरी तरह से उखड़-खाबड़ स्थिति में आ पहुंचा है। उक्त सड़क से आवागमन करने में हर वक्त लोगों को मौत से सीधा मुलाकात होने का खतरा बना रहता है। इसी तरह सदर प्रखंड और किस्को प्रखंड को जोड़ने वाली कुजरा होंदगा किस्को मुख्य पथ की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि लोग साइकिल से चलने से डरते हैं। आलम यह है कि लोहरदगा जिला अंतर्गत सभी प्रखंड क्षेत्रों की अधिकतर सड़कें राहगीरों और ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। बता दें कि लोहरदगा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों की ज्यादातर सड़कों पर रात में सफर करने पर दुर्घटना की संभावनाएं इसलिए भी बनी रहती है कि लोगों को उखड़-खाबड़ में बनी गड्ढे दिखाई नहीं देता है, जिससे लोग अक्सर दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। मालूम हो कि लोहरदगा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों का विकास गुणवत्तापूर्ण तरीके से नहीं कराए जाने के कारण लोगों को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ता है।
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