
उनके सिद्धांत और संघर्ष हमेशा रहेंगे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत : हर्ष अजमेरा
हजारीबाग
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद झारखंड आंदोलन के प्रणेता और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से झारखंड समेत पूरे देश में शोक की लहर है। उनका निधन दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ। युवा समाजसेवी हर्ष अजमेरा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शिबू सोरेन जी का जाना केवल एक नेता का नहीं, बल्कि एक युग, एक विचारधारा और संघर्ष की पहचान का अंत है। उन्होंने कहा कि झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद युवाओं को नई दिशा, नया जोश और नई पहचान मिली, जिसमें दिशोम गुरु की भूमिका अविस्मरणीय रही। उनका संपूर्ण जीवन आदिवासियों, श्रमिकों, किसानों और वंचित तबके के अधिकारों के लिए समर्पित रहा। हर्ष अजमेरा ने कहा कि वे सत्ता में रहकर भी हमेशा जमीन से जुड़े रहे। उनके त्याग, संघर्ष और सिद्धांतों से समझौता न करने वाली छवि ने उन्हें आमजन का नायक बना दिया। युवाओं के लिए वे सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं, तो ऐसा लगता है जैसे झारखंड की आत्मा ही मौन हो गई हो। उन्होंने आगे कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक आंदोलन थे जिनकी सोच, संघर्ष और आत्मबल ने झारखंड को एक नई पहचान दी। उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकेगा। हर्ष अजमेरा ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति देने की कामना की।
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