भारत ने अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाकर अमेरिकी टैरिफ की बाधा को पार कर लिया है. यही वजह है कि नवंबर 2025 में भारतीय निर्यात लगभग 15% बढ़कर 36 अरब डॉलर तक रह सकता है. पिछले वर्ष नवंबर में भारत ने 32 अरब डॉलर का निर्यात किया था. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में भारत के माल निर्यात में हुई वृद्धि के साथ-साथ आयात में भी उल्लेखनीय कमी आई, जिससे व्यापार घाटा कम हुआ. मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि ये शुरुआती अनुमान हैं और अभी अंतिम डेटा नहीं आया है. अगस्त 2025 से भारत के सामान पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% के भारी टैरिफ के कारण सितंबर में अमेरिका को भारत का माल निर्यात सालाना आधार पर 12% गिरकर 5.47 अरब डॉलर रह गया था. अक्टूबर में इसमें 8.6% की कमी आई और यह 6.31 अरब डॉलर रहा. निर्यात के लिहाज से अमेरिका भारत का सबसे बड़ा बाजार है.
अमेरिका से हुए नुकसान की भरपाई भारत ने चीन, स्पेन, यूरोप, संयुक्त अरब अमीरात और रूस जैसे बाजारों में निर्यात बढाकर कर ली है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से हर महीने भारत का चीन को निर्यात दो अंकों वाली वृद्धि के साथ बढ़ रहा है. सितंबर और अक्टूबर में इसमें क्रमशः 33% और 42% की उछाल दर्ज हुई. स्पेन के बाद चीन सितंबर और अक्टूबर में भारत का सबसे तेजी से बढ़ता प्रमुख निर्यात बाजार बनकर उभरा है. इन दो महीनों में ही अमेरिका ने भारत पर भारी भरकम टैरिफ लगाया था.
चीन भारत के सामान का एक महत्वपूर्ण खरीदार बनकर उभरा है. अक्टूबर में चीन को भारत का निर्यात साल 2024 के समान महीने के 1.14 अरब डॉलर से 42.35 फीसदी बढ़कर 1.63 अरब डॉलर हो गया. स्पेन को निर्यात में भी अक्टूबर में 43.43% की वार्षिक वृद्धि हुई और यह 549.26 मिलियन डॉलर तक पहुंचा. इसी प्रकार, सितंबर में चीन को भारत का निर्यात 33 फीसदी बढ़कर 1.46 अरब डॉलर हो गया. स्पेन को सितंबर में निर्यात सालाना आधार पर 151 फीसदी बढकर 988 मिलियन डॉलर हो गया.
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