झारखंड प्रदेश एम्बुलेंस कर्मचारी संघ ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में
अर्धनग्न हो कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया।
इस हड़ताल के कारण राज्यभर में 108 एम्बुलेंस सेवा पूरी तरह ठप होने की संभावना है ।
जिससे मरीजों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । रांची, गुमला, कोडरमा, धनबाद सहित कई जिलों में एम्बुलेंस सेवाएं बंद होने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है ।
संघ का आरोप है कि एम्बुलेंस सेवा संचालक संस्था, सम्मान फाउंडेशन, ने 26 जून को हुए लिखित समझौते का पालन नहीं किया। इस समझौते में कर्मचारियों को झारखंड सरकार और श्रम विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार वेतन, ईपीएफ,
ईएसआइसी ग्रुप बीमा और अन्य सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया गया था।
संघ ने यह भी आरोप लगाया कि संस्था अवैध रूप से पैसे लेकर नई भर्तियां कर रही है और हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को धमकी भरे पत्र भेजे जा रहे हैं। गुमला जिला एम्बुलेंस संघ के अध्यक्ष रूपेश पासवान ने कहा, “कर्मचारियों का शोषण बंद हो और समझौते का पालन हो। हमारी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।

झारखंड प्रदेश एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नीरज तिवारी ने बताया कि 108 एम्बुलेंस सेवा प्रतिदिन 1500 से 2000 मरीजों को निःशुल्क सेवा प्रदान करती है। हड़ताल के कारण मरीजों को हो रही परेशानी की जिम्मेदारी सेवा प्रदाता संस्था और स्वास्थ्य विभाग की होगी।
संघ ने राज्य सरकार, संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों से मांग की है कि कर्मचारियों की मांगों पर तत्काल विचार कर समाधान किया जाए, ताकि जनहित में एम्बुलेंस सेवाएं पुनः शुरू हो सकें।
रांची के सिविल सर्जन ने वैकल्पिक व्यवस्थाओं की बात कही है, लेकिन मरीजों की परेशानी को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है।
मांगें:
फरवरी से जून 2025 तक का कटौती वेतन भुगतान
ईपीएफ और ईएसआईसी ग्रुप बीमा सुविधा
श्रम विभाग के नियमों का पालन
अवैध भर्तियों पर रोक
कर्मचारियों को धमकी बंद करने की मांग
हड़ताल के कारण गुमला में 16, रांची में 16 और अन्य जिलों में कई एम्बुलेंस खड़ी हैं, जिससे आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
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