छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ में केरल की दो ननों को तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। इस गिरफ्तारी को लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर हमलावर हैं। बुधवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, सांसद हिबी ईडन, केसी वेणुगोपाल और अन्य नेताओं ने संसद परिसर के बाहर प्रदर्शन कर ननों की रिहाई और न्याय की मांग की।
प्रियंका गांधी ने कहा कि गिरफ्तार ननों के साथ दुर्व्यवहार हुआ है और उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, “पुलिस ने ननों को गलत तरीके से पकड़ा है और उनके साथ अनुचित बर्ताव किया गया। हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस तरह की घटनाओं का विरोध करते हैं और सरकार पर दबाव बनाएंगे कि इस पर उचित कार्रवाई हो।”
प्रियंका ने यह भी कहा कि महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार निंदनीय है और लोकतंत्र में किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने भी इस घटना की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि ये नन कई वर्षों से गरीबों की सेवा कर रही थीं, लेकिन अब उन्हें एक मनगढ़ंत मामले में जेल भेज दिया गया है। वृंदा करात ने यह भी दावा किया कि एक निर्दोष आदिवासी युवक को भी इस मामले में पीटा गया और जेल भेजा गया। उन्होंने कहा, “यह कैसा कानून है जिसमें बजरंग दल या आरएसएस से जुड़े लोग खुलेआम लोगों को पीटते हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है? यह सब सरकार की शह पर हो रहा है।”
वृंदा करात ने इस कार्रवाई को ईसाई समुदाय के खिलाफ एक सुनियोजित हमला बताया और कहा कि आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को उनके धर्मांतरण की स्वतंत्रता के लिए निशाना बनाया जा रहा है।
इसी कड़ी में सीपीआई का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें वृंदा करात, एनी राजा और अन्य नेता शामिल थे, बुधवार को दुर्ग सेंट्रल जेल पहुंचा और वहां ननों से मुलाकात की। इस बीच, राहुल गांधी ने भी एक अन्य मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को लेकर निशाना साधा, वहीं बिहार SIR मामले में भी INDIA गठबंधन के सांसदों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है।
Leave a comment