झारखंड : झारखंड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू जांच किट की खरीद में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। विभाग ने राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों और जिला जनस्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (DPHL) की आवश्यकता से कहीं अधिक संख्या में डेंगू जांच किट की खरीद कर ली। इनमें से कई किट उन जिलों में भेज दी गईं, जहां जांच की बुनियादी सुविधा तक उपलब्ध नहीं है।
स्थिति स्पष्ट होने पर विभाग ने इन किटों को अन्य संस्थानों में स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया। इसके साथ ही, किट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बोकारो, गुमला, धनबाद, लोहरदगा और खूंटी जैसे जिलों को एलाइजा रीडर विद वॉशर मशीन भी उपलब्ध करा दी गई। हालांकि इन जिलों में अब तक न तो मशीनें चालू हुई हैं और न ही चिकित्सकों व तकनीशियनों को प्रशिक्षण दिया गया है।
खरीद और उपयोग में बड़ा अंतर
विभाग द्वारा कुल 1.88 लाख डेंगू जांच किट खरीदी गई, जबकि आंकड़ों के अनुसार पिछले एक वर्ष में राज्य में डेंगू जांच के लिए 10 हजार मरीज भी सामने नहीं आए। ऐसे में कई संस्थानों को भेजी गई किट की संख्या इतनी अधिक है कि उनकी उपयोग अवधि (1 से 1.5 वर्ष) समाप्त होने से पहले खपत कर पाना संभव नहीं होगा। कुछ केंद्रों ने अंदेशा जताया है कि इन किटों की खपत में 4 से 5 साल लग सकते हैं, जो कि व्यावहारिक नहीं है।
जांच के आदेश की संभावना
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के प्रबंध निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा है कि, “यदि जरूरत से अधिक किट की खरीद हुई है तो यह जांच का विषय है। यह देखा जाएगा कि किस परिस्थिति में यह निर्णय लिया गया और क्या प्रक्रियाएं अपनाई गईं।”
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