BiharEditorial

सत्ता के साए में पला अपराध और जागती जनता की उम्मीद

Share
Oplus_131072
Share
Khabar365news

By: K. Madhwan

“लोकतंत्र में सबसे बड़ा अपराध वह नहीं जो कानून तोड़ता है, बल्कि वह जो कानून को अपना गुलाम बना लेता है।”

कभी बिहार देश का ज्ञान केंद्र कहा जाता था। नालंदा की धूल में भी बुद्ध की दृष्टि बसती थी। मगर वक्त बदला, और सत्ता के गलियारों में ज्ञान नहीं गन, गाड़ी और गिरोह का बोलबाला होने लगा।

यह वह दौर था जब पटना की सड़कों पर कानून नहीं, लाल बत्ती वाली गाड़ियों के काफिले फर्राटा भरते थे।जेल में बंद लोग बाहर से सरकार चलाते थे और बाहर बैठे लोग जेल जाने से डरते थे। कानून किताबों में था और इंसाफ़ जात और जुड़ाव से तय होता था। उस वक्त बिहार का प्रशासन जैसे एक निजी साम्राज्य बन चुका था। अफसर तबादले से नहीं, फोन कॉल से तय होते थे। जो शासन में था, वही “व्यवस्था” था।

सत्ता और अपराध का गठजोड़ इस तरह काबिज था कि राजनीति में अपराधी घुसते नहीं थे, बल्कि सुनियोजित उन्हें आमंत्रित किया जाता था। धीरे-धीरे “जनसेवा” के नाम पर बंदूक उठाने वाले माला पहनने लगे और जनता उनके पोस्टरों को लोकतंत्र का प्रतीक समझने लगी। किसी ज़िले में हत्या हुई, तो दूसरी ओर अपहरण, कभी किसी अधिकारी की पत्नी के साथ हुआ अन्याय सुर्खियां बना, तो कभी किसी महिला की रहस्यमयी मौत ने सत्ता के संरक्षण पर सवाल खड़े किए, मगर हर बार एक ही कहानी कि “सरकार देख लेगी”और सरकार वाकई देखती थी, पर अपराधी की तरफ़ से। कालांतर में दिल्ली तक हिला देने वाली घटनाएं बिहार में सामान्य बन चुकी थीं। इस वक्त बिहार के गांवों में डर का आलम यह था कि वोट देना भी हिम्मत का काम बन गया था।

फिर आया एक ऐसा कांड जिसने पूरे देश को झकझोर दिया।जानवरों के चारे के नाम पर खजाने का चारा ही खा लिया गया।फाइलों में गायें थीं, बिलों में भैंसे और खाते में करोड़ों का दूध बह रहा था, पर सड़कों पर बच्चे सूखी रोटियां लेकर सो जाते थे। यह घोटाला सिर्फ़ पैसे का नहीं, नैतिकता के अंत का प्रतीक था। जब भ्रष्टाचार शासन का हिस्सा बन जाए, तो अपराधियों को सत्ता से डर नहीं लगता, बल्कि सत्ता उन्हें बचाती है।

आज की राजनीति भी उसी दिशा में बढ़ती दिख रही है। आज नए चेहरे हैं, नई बातें हैं,पर पुराने नारे फिर लौट आए हैं। सत्ता की कुर्सी फिर उसी जातीय गणित से सजाई जा रही है। गीतों में फिर वही पुराना जोश लौट आया है। भोजपुरी के मंचों पर सत्ता का गर्व और जात का जोश फिर से छलक रहा है। “भैया के आवेदे सत्ता में, कट्टा सटा के उठा लेबऊ रे”, “यादव रंगदार बनता हो”, “छह गोली छाती में” जैसी जैसी धुनें गूंज रही हैं।

मगर जनता अब समझदार हो गई है। उसे पता है कि अगर जात के नाम पर वोट दिया गया, तो कल वही जात कानून से ऊपर बैठ जाएगी और फिर वही दौर लौटेगा; जब इंसाफ़ अदालत से नहीं, थाने के पिछवाड़े से तय होता था। आज बिहार की असली लड़ाई किसी दल या नेता से नहीं है, बल्कि उस मानसिकता से है, जो यह मानती है कि “सत्ता मिलते ही डर खत्म हो जाता है।

अब समय बदल रहा है। अब युवा जात नहीं, जॉब और न्याय चाहता है। गांव का किसान अब डरता नहीं, वह पूछता है कि मेरे खेत का पानी कौन ले गया? और शहर का बेरोज़गार पूछता है कि “मेरे वोट की कीमत बस जात है क्या? और यही परिवर्तन की शुरुआत है। पर यह भी सच है कि अगर जनता फिर भावनाओं में बह गई, तो वही पुराना साया लौट आएगा, वही भय, वही रंगदारी और वही मौन प्रशासन।

इतिहास गवाह है कि किसी भी दौर में जब सत्ता ने जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की, तो देर भले हुई, पर जनता ने हिसाब बराबर किया है। बिहार अब फिर उसी मोड़ पर है, जहां एक रास्ता विकास की ओर जाता है और दूसरा भय, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की ओर। अब फैसला जनता के हाथ में है। वही जनता जो किसी भी “भैया”, “नेता” या “भोजपुरी गीत” से ज़्यादा ताकतवर है। वही जनता जो एक बटन से इतिहास लिख सकती है या इतिहास दोहराने की गलती भी कर सकती है।

____

🖋️लेखक के दृष्टिकोण: यह लेख किसी दल या व्यक्ति के विरुद्ध नहीं, बल्कि उस राजनीतिक संस्कृति के खिलाफ है, जिसने बिहार की पहचान को अपराध और जातिवाद के तले दबा दिया।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Categories

Calender

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  







Related Articles
BiharBreakingबिहारब्रेकिंग

पंडित मदन मोहन मालवीय एवं पंडित अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर कंबल वितरण

Khabar365newsविश्व ब्राह्मण संघ एवं विप्र फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में अत्यधिक ठंड...

BiharBreakingबिहारब्रेकिंग

हिजाब विवाद के बीच आईं अटकलों पर विराम

Khabar365newsबिहार में हिजाब विवाद से जुड़ी आयुष चिकित्सक डॉ. नुसरत परवीन को...

BiharBreakingबिहारब्रेकिंग

मुंगेर में STF और पुलिस टीम की बड़ी कार्रवाई,

Khabar365newsमुंगेर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत गंगा पार भेलवा दियारा में...