झारखंड : झारखंड सरकार ने राज्य निर्माण आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन सहित 2997 आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों की पहचान पूरी कर ली है। यह पहचान राज्य के 21 जिलों में की गई है। इस बारे में गृह, कारा और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें इस प्रक्रिया और चिन्हित व्यक्तियों को मिलने वाली सुविधाओं की पूरी जानकारी दी गई है। अधिसूचना में यह भी बताया गया कि झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन के दौरान हिस्सा लेने वाले आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों की पहचान के लिए एक विशेष आयोग का गठन किया गया था, और यह आयोग ही इस पहचान प्रक्रिया को पूरा करने का जिम्मेदार था। इसके साथ ही, चिन्हित आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सम्मान पेंशन और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक विस्तृत नीति भी तैयार की गई है।
शिबू सोरेन घोषित किए गए झारखंड आंदोलनकारी
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन को भी झारखंड आंदोलनकारी के रूप में चिह्नित किया गया है। झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग ने रामगढ़ जिले के लिए 75वीं औपबंधिक सूची जारी की, जिसमें शिबू सोरेन का नाम शामिल है। आयोग की सूची में शिबू सोरेन, पिता स्व. सोबरन सोरेन, उम्र 81 वर्ष, ग्राम नेमरा, प्रखंड गोला, जिला रामगढ़ के रूप में दर्ज हैं। शिबू सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता हैं।
इस सूची के अनुसार, राज्य के 21 जिलों में कुल 2997 आंदोलनकारियों को चिह्नित किया गया है। इनमें प्रमुख जिलों में बोकारो (57), चतरा (89), देवघर (145), धनबाद (34), दुमका (79), जमशेदपुर (489), गिरिडीह (431), गोड्डा (277), हजारीबाग (256), रांची (304) और रामगढ़ (177) शामिल हैं। इस पहचान प्रक्रिया के बाद, झारखंड आंदोलन में भाग लेने वाले इन आंदोलनकारियों को उचित सम्मान और सुविधाएं मिल सकेंगी।
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