Breakingदेश

प्रयागराज महाकुम्भ में अडाणी के सेवाभाव का जवाब नहीं

Share
Share
Spread the love
  • दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त धार्मिक क्लाउड किचनः 22 दिन में लगभग 2 लाख किलो चावल और 1 लाख किलो आटे की खपत
  • अडाणी-इस्कॉन चला रहा है दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक क्लाउड किचन
  • दो दिनों में 5.5 लाख लोगों को मिला मुफ्त खाना
  • 22 दिनों में 1 लाख 50 हजार किलो से ज्यादा सब्जियां, 1 लाख 35 हजार किलो से ज्यादा दालें और 19000 किलो से ज्यादा देसी घी का इस्तेमाल

प्रयागराज में सोमवार को महाकुंभ का दूसरे सबसे पवित्र स्नान का दिन रहा। देश-दुनिया से लोग प्रयागराज पहुंचे और उन्होंने त्रिवेणी में डुबकी लगाई। प्रयागराज में आध्यात्म का महाकुंभ तो चल ही रहा है साथ ही सेवा और सत्कार का महाकुंभ भी जारी है। ऐसे ही एक महाकुंभ का भागी बन रहा है अडाणी और इस्कॉन का साथ। अडाणी समहू इस्कॉन के साथ मिलकर देश दुनिया से आए लोगों के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था कर रहा है। इस परमार्थ के लिए दुनिया की सबसे बड़ी रसोई दिनरात काम पर लगी रहती है। मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के स्नान के दिनों को मिलाकर देखा जाए तो तकरीबन 5.5 लाख लोगों ने अडाणी-इस्कॉन का महाप्रसाद ग्रहण किया। इन 22 दिनों में तकरीबन 28 लाख लोगों ने महाप्रसाद ग्रहण किया और इसका वितरण लगातार जारी है।

1 लाख किलो आटा, 2 लाख किलो चावल की खपत

अडाणी और इस्कॉन की तरफ से महाप्रसाद का वितरण 13 जनवरी 2025 को आरंभ हुआ और लगातार जारी है। महाकुंभ क्षेत्र में मौजूद 40 से ज्यादा सेंटर्स पर महाप्रसाद का वितरण किया जा रहा है। इसके लिए क्षेत्र में ही 3 रसोईघर लगातार भोजन प्रसाद का निर्माण करते रहते हैं। 13 जनवरी 2025 से लेकर 3 फरवरी 2025 तक 2 लाख किलो से ज्यादा चावल, 1 लाख किलो से ज्यादा आटा, 1 लाख 50 हजार किलो से ज्यादा सब्जियां, 1 लाख 35 हजार किलो से ज्यादा दालें और 19000 किलो से ज्यादा देसी घी का इस्तेमाल हो चुका है।

लाखों ने पाया महाप्रसाद, लाखों को मिलेगा महाप्रसाद

पवित्र स्नान के दो दिनों यानी मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी को ही लगभग 5.5 लाख लोगों ने महाप्रसाद ग्रहण किया। अगर महाप्रसाद ग्रहण करने वाले कुल श्रद्धालुओं की बात की जाए तो 13 जनवरी से 3 फरवरी तक यह संख्या 28 लाख से ज्यादा रही। उम्मीद की जा रही है कि महाकुंभ मेले के आखिरी दिन तक अदाणी-इस्कॉन की तरफ से तकरीबन 50 लाख श्रद्धालुओं को महाप्रसाद प्रदान किया जाएगा।

महाप्रसाद वितरण का काम लगभग पूरे दिन ही चलता रहता है। आखिर क्या राज़ है अदाणी-इस्कॉन के इस महाप्रसाद का जो इसे लोग प्रतिदिन खाने के बाद भी इसकी तारीफ करते नहीं थकते हैं।

स्वादिष्ट भी, सेहतमंद भी

अडाणी-इस्कॉन रसोई का निर्माण भी इस तरह से किया गया है कि खाने की गुणवत्ता बनी रह सके। एक तरफ जहां एलपीजी सिलेंडरों का इस्तेमाल होता है तो दूसरी तरफ ईंट और मिट्टी के इस्तेमाल से चूल्हे भी बने हुए हैं। इन चूल्हों में गाय के गोबर से बने उपलों का इस्तेमाल होता है। यहां पर सब्जियों को धीमी आंच पर पकाया जाता है। पूरे किचन को आईआईटी के 4 सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरों ने तैयार किया है। इस्कॉन प्रवक्ता का कहना है कि हम कहीं भी 2 दिन के नोटिस पर 50 हजार लोगों के लिए खाना बनाने लायक किचन बना सकते हैं।

बता दें कि अडाणी समूह इस्कॉन के साथ मिल कर प्रतिदिन 1 लाख से ज्यादा लोगों को महाप्रसाद उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। अदाणी समूह गीता प्रेस के साथ मिलकर 1 करोड़ मुफ्त आरती संग्रह के वितरण का काम भी कर रहा है।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Categories

Calender

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  







Related Articles
BreakinggarhwaJharkhand

5000 रिश्वत लेते रोजगार सेवक हुआ गिरफ्तार

Spread the loveभ्रष्टाचार के खिलाफ पलामू प्रमंडलीय एसीबी टीम की बड़ी कार्रवाई...

BreakingCrimeNationalSocialदेशभारत

पहलगाम में आतंकी हमले में कई टूरिस्ट घायल

Spread the loveजम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के पहलगाम में मंगलवार को आतंकी हमले...

BreakingCrimeJharkhandRanchi

रांची में ED की दबिश, कई बिल्डरों के ठिकानों पर चल रही है छापेमारी

Spread the loveरांची : राजधानी रांची में एक बार फिर ईडी ने...