झारखंड : झारखंड राज्य गठन के बाद पहली बार राज्य आवास बोर्ड अब लोगों को घर बनाने के लिए आवासीय भूखंड (प्लॉट) उपलब्ध कराएगा। इस दिशा में पहल करते हुए बोर्ड ने पुरानी विधानसभा के पीछे स्थित 5.50 एकड़ भूमि पर 1000 से 2500 वर्गफीट आकार के प्लॉट विकसित करने का निर्णय लिया है। यह क्षेत्र पूरी तरह से सुव्यवस्थित रिहायशी कॉलोनी के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां चौड़ी सड़कें, सीवरेज और ड्रेनेज व्यवस्था, जलापूर्ति और प्ले जोन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। यह प्रस्ताव मंगलवार को आयोजित आवास बोर्ड की 78वीं बैठक में पारित किया गया। बैठक में यह भी तय किया गया कि लॉटरी सिस्टम के माध्यम से प्लॉटों का आवंटन किया जाएगा।
ड्रोन से होगी संपत्तियों की 3डी मैपिंग, GIS टैगिंग
बैठक में बोर्ड की संपत्तियों की सुरक्षा और बेहतर प्रबंधन के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। अतिक्रमण से बचाव और शेष संपत्तियों के बेहतर उपयोग के लिए ड्रोन से 3डी सर्वे और जीआईएस टैगिंग कराई जाएगी। इसके लिए उपयुक्त कंसल्टेंट के चयन को स्वीकृति प्रदान की गई।
हरमू में व्यावसायिक गतिविधियों पर सख्ती
हरमू हाउसिंग कॉलोनी में आवासीय भूखंडों पर अवैध रूप से व्यावसायिक गतिविधियां संचालित कर रहे करीब 400 लोगों को अंतिम नोटिस भेजा गया है। इन्हें अपना पक्ष रखने के लिए सात दिन की समय-सीमा दी गई है। निर्धारित समय के भीतर पक्ष नहीं रखने पर संबंधित आवंटन रद्द कर दिया जाएगा।
एचईसी से मिली जमीन और अन्य योजनाएं
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि एचईसी से प्राप्त लगभग 306 एकड़ भूमि को आवास बोर्ड को हस्तांतरित किया गया है, हालांकि बोर्ड को अभी इस पर भौतिक कब्जा नहीं मिला है। इसके अलावा आनी, जगन्नाथपुर, मुड़मा, भुसूर और तिरिल गांवों की जमीन की मैपिंग कर मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इन क्षेत्रों में आवासीय प्लॉट के साथ-साथ फ्लैट निर्माण की भी योजना है, जिससे राज्य में आवास संकट को दूर करने में मदद मिलेगी।
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