गिरिडीह। झारखंड एक छोटा सा आदिवासी राज्य जहां गिरिडीह दुमका जैसे जिले हैं। यहां के साइबर अपराधी पूरे देश के अपराधिक पटल में छाए हैं देश का ऐसा कोई भी राज्य नहीं है जिनके पुलिस साइबर अपराध के मामले में झारखंड के इन छोटे जिले में न पहुंचे हो। जामताड़ा और गिरिडीह झारखंड का एक छोटा सा जिला है यहां साइबर अपराधियों का प्रशिक्षण केंद्र है।
आपके खाते से किस तरह से पैसा गायब कर देना है, इस पर रिसर्च करते रहते हैं।मौका मिलते ही आंख बंद और डब्बा गायब कर देते हैं । या यूं कहें की इनको इस विषय पर महारत हासिल है। रिसर्च कर लोगों को ठगने के नए रास्ते ईजाद कर लेते हैं। गिरिडीह पुलिस ने दो साइबर अपराधी को आज गिरफ्तार किया है । इनके नाम है संतोष मंडल और तुलसी मंडल।
दोनों को इसी थाना क्षेत्र के पपरवाटांड स्थित एक घर से दबोचा गया है। इसमें 21 साल का संतोष मंडल और 32 साल का तुसली मंडल शामिल है। दोनों गिरिडीह के अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के चिकसोरिया गांव के रहने वाले हैं। गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से छह मोबाइल फोन, नौ सिम कार्ड, एक एटीएम कार्ड, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और एक ड्राइविंग लाइसेंस जब्त किया गया है। इस बात की जानकारी आज साइबर डीएसपी आबिद खान ने मीडिया के साथ साझा की। डीएसपी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि पपरवाटांड के एक घर में गलत काम किया जा रहा है। इस घर में रहने वाले लोगों को लूर-लक्षण सही नहीं लगते। मिली इंफॉर्मेशन को गिरिडीह पुलिस कप्तान डॉ विमल कुमार को सूचना दी गयी एसपी के आदेश पर डीएसपी आबिद खान की देखरेख में टीम गठित की गयी। टीम ने बताये गये लोकेशन पर रेड मारी और दोनों साइबर क्रिमिनल्स पुलिस के शिंकजे में आ गये। दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पुलिस को दिये अपने बयान में दोनों ने राज खोला कि भोले-भाले लोगों को फोन कर झांसे में लेते थे। बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, पीएम किसान सम्मान निधि योजना, ग्राहक सहायता, बिजली बिल अपडेट आदि का काम कराने के बहाने फर्जी लिंक भेज कर उनके खाता से माल उड़ा लेते थे।
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