रांची | कुछ इसी तरह का मामला झारखंड से भी सामने आया है जहां झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान कैग की रिपोर्ट बेहद चर्चा में है. यूं कहिये कि झारखंड को लेकर सीएजी (CAG) की रिपोर्ट ने राज्य में बड़ा राजनीतिक भूचाल ला दिया है.
दरअसल, विधानसभा के पटल पर स्वास्थ्य विभाग और भवन एवं सन्निर्माण कर्मकारों के कल्याण पर रिपोर्ट को लेकर रांची में प्रधान महालेखाकार ने इसकी जानकारी मीडिया से साझा की. इस प्रेस वार्ता में साल 2016-17 से 2021-22 तक की ऑडिट की रिपोर्ट को मीडिया के सामने साझा किया गया. इसमें राज्य में स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन को लेकर जो खामियां सामने आयी हैं, वह वास्तव में बेहद चौंकाने वाली हैं. इस रिपोर्ट में मुख्य रूप से दावा किया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा झारखंड सरकार को भेजी गई राशि में से केवल 32% ही खर्च हुई. शेष राशि का कोई ठोस लेखा-जोखा नहीं है, जिससे कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य परियोजनाएं अधूरी रह गईं.
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